सियासत
भाजपा ने दूसरी सूची में इंदौर से फिर से शंकर लालवानी पर भरोसा किया है. शंकर लालवानी पिछला चुनाव साढ़े पांच लाख से अधिक मतों से सत्यनारायण पटेल से जीते थे. उन्हें सिंधी समुदाय से होने का भी लाभ मिला. इसके अलावा उनके लिए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी जमकर सिफारिश की थी. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मालवा प्रांत कार्यालय ने उनके नाम पर सहमति जताई. इसके बाद उनका टिकट फाइनल हो गया. दरअसल, पहली सूची में शंकर लालवानी का नाम नहीं आने से वो सतर्क हो गए और उन्होंने अपने तमाम घोड़े खोल लिए. टिकट होल्ड पर रखे जाने के दूसरे दिन वो दिल्ली जाकर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलकर आए. इसके अलावा उन्होंने अखिल भारतीय सिंधी समाज के पदाधिकारियों को भी काम पर लगाया.
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जिस तरह से पहली सूची में चली उससे शंकर लालवानी का हौसला बढ़ा. चौहान ने पार्टी नेतृत्व को यह बताने में सफलता प्राप्त की की इंदौर से किसी भी महिला नेता के नाम पर सहमति बनना मुश्किल है. जबकि शंकर लालवानी के नाम पर सभी खेमे सहमत हो सकते हैं. जाहिर है भाजपा ने एक बार फिर शंकर लालवानी पर भरोसा जताया. वैसे सांसद के रूप में शंकर लालवानी का परफॉर्मेंस औसत से ऊपर है. उन्होंने केंद्रीय योजनाओं को क्रियान्वित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. उनके इंजीनियर होने का लाभ भी विकास योजनाओं को मिल रहा है. खास तौर पर सड़क की योजनाओं के बारे में शंकर लालवानी पूरी तैयारी के साथ अपना पक्ष रखते हैं. अधिकारियों के साथ उनकी बैठकें भी प्रभावी होती हैं. जाहिर है उनके नाम पर सहमति मिलने में अधिक परेशानी नहीं हुई.