कुण्डलपुर में पहली बार होगा आचार्य पदारोहण
हटा/दमोह.जैन संतो की तपोस्थमली पावन पवित्र देव स्थोली कुण्डलपुर इन दिनों नये रंग रूप में सजने संवरने लगी है, संत शिरोमणी आचार्य श्री विद्यासागर सागर जी महाराज के मोक्ष प्रस्थाहन उपरांत से यहां का कण कण जहां 60 दशक के अपने बीते पलों को नहीं भुला पा रहा था, वहीं जब संतो के द्वारा यह घोषणा हुई कि नये आचार्य का पदारोहण बडे बाबा के आंगन एवं छोटे बाबा की तप स्थोली व आचार्य श्री के द्वारा जन-जन को समर्पित किये. विश्व प्रसिद्ध तीर्थराज कुण्डलपुर से होगा. तो पतझड़ मौसम के गबन से पूर्व ही नई कोपल फूट उठी, उत्साहित केवल तीर्थक्षेत्र की दीवाले ही नहीं बल्कि जिला में आमजन भी इस आयोजन के लिए स्वयं को इस अनुष्ठाीन में कुछ पल देने के लिए आगे आ गये.
कुण्डलपुर तीर्थ में यह पहला अवसर होगा. जब किसी मुनिराज को आचार्य पद का भार दिया जायेगा. आयोजन में जहां आचार्य श्री के समस्त साधु ससंघ पहुंच रहे है, वहीं इस आयोजन को लेकर व्यापक तैयारी भी की जा रही है. आचार्य पदारोहण अनुष्ठान में जहां करीब 400 मुनि आर्यिका पहुंचेगे, वहीं करीब एक हजार से अधिक ब्रम्हजचारी भैया एवं दीदी के पहुंचने की संभावना है. महोत्साव में सहस्र्कूट जिनालय में 1008 जैन प्रतिमाएं भी विराजित होगी. सहस्त्र कूट जिनालय को अंतिम रूप दिया जा रहा है.बडे बाबा मंदिर में फर्श के साथ-साथ जो शेष कार्य है उसे पूरा करने के लिए गति प्रदान की गई है. छैघरिया मंदिर के पास भगवान संभवनाथ का मंदिर कार्य लगभग पूर्णता की ओर है.कार्यक्रम गरिमामय तरीके संपन्नन हो इसके लिए अनुभवी हाथों में बागडोर सौंपी गई है, सेठ वीरेश जैन को इसके लिए संयोजक एवं दानवीर अशोक पाटनी को अध्यक्ष बनाया गया है. कुण्डलपुर तीर्थक्षेत्र कमेटी अध्यक्ष चन्द्र कुमार सराफ ने इस धार्मिक अनुष्ठािन में सभी से सहयोग की अपील की है,
समय-समय पर बैठके आयोजित करके सभी को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिये जा रहे है, आयोजन की दिनांक अभी घोषित नहीं की गई है, निर्यापक मुनियों के कुण्डलपुर पहुंचने पर इसकी दिनांक घोषित हो सकती है.