नई दिल्ली, 11 अप्रैल (वार्ता) देश के प्रमुख शेयर बाजार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के निवेशक खातों यानी यूनिक क्लाइंट कोड (यूसीसी) की कुल संख्या अप्रैल 2025 में 22 करोड़ का आंकड़ा पार कर गई है।
एनएसई ने शुक्रवार को बताया कि यह उपलब्धि पिछले छह महीनों में दो करोड़ नए खातों के जुड़ने के साथ हासिल हुई क्योंकि अक्टूबर 2024 में एनएसई ने 20 करोड़ खातों का आंकड़ा पार किया था। इसके साथ ही यूनिक रजिस्टर्ड निवेशकों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है, जो 31 मार्च 2025 तक 11.3 करोड़ हो गई। यह आंकड़ा 20 जनवरी, 2025 को 11 करोड़ के पार गया था। गौरतलब है कि एक निवेशक एक से अधिक ब्रोकर के साथ खाता खोल सकता है, जिससे कई क्लाइंट कोड बन सकते हैं।
एनएसई के मुख्य व्यवसाय विकास अधिकारी श्रीराम कृष्णन ने कहा, “भारत का निवेशक आधार तीव्र गति से बढ़ रहा है। केवल छह महीनों में दो करोड़ से अधिक नए खाते जुड़ना भारत की अर्थव्यवस्था और पूंजी बाजार में मजबूत निवेशक विश्वास का प्रतीक है। इस वृद्धि में डिजिटल बदलाव, मोबाइल ट्रेडिंग की बढ़ती लोकप्रियता और टियर-दो, तीन और चार शहरों से भागीदारी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।”
उन्होंने आगे कहा कि यह उछाल वित्तीय साक्षरता अभियानों, सरल केवाईसी प्रक्रियाओं और खुदरा निवेशकों को लक्षित पहलों की सफलता को भी दर्शाता है। जैसे-जैसे निवेशक इक्विटी, ईटीएफ, आरईआईटी, आईएनवीआईटी और बॉन्ड जैसे विभिन्न वित्तीय साधनों में सक्रिय हो रहे हैं, यह मील का पत्थर एक परिपक्व और समावेशी वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र की ओर संकेत करता है, जहां प्रौद्योगिकी निवेश को अधिक लोकतांत्रिक बना रही है।
एनएसई ने राज्यवार आंकड़ों के हवाले से बताया कि महाराष्ट्र में सबसे अधिक 3.8 करोड़ निवेशक खाते हैं। इसके बाद उत्तर प्रदेश (2.4 करोड़), गुजरात (1.9 करोड़) और राजस्थान तथा पश्चिम बंगाल में प्रत्येक में करीब 1.3 करोड़ खाते हैं। इन शीर्ष पांच राज्यों में कुल खातों का लगभग 49 प्रतिशत हिस्सा है जबकि शीर्ष दस राज्य तीन-चौथाई से अधिक खातों में योगदान करते हैं।
एनएसई के सूचकांक निफ्टी 50 ने पिछले पांच वर्षों में 22 प्रतिशत का वार्षिक रिटर्न और निफ्टी 500 ने 25 प्रतिशत का वार्षिक रिटर्न प्रदान किया है। यह मजबूत रिटर्न निवेशकों के लिए दीर्घकालिक धन सृजन को दर्शाता है। साथ ही निवेशक सुरक्षा कोष (आईपीएफ) 31 मार्च 2025 तक 2,459 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो साल-दर-साल 23 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।