मोदी सरकार बनते ही नीट में धांधली कर युवा सपनों पर हमला शुरू: खडगे-प्रियंका

नयी दिल्ली, 14 जून (वार्ता) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे तथा पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट के बहाने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार पर हमला करते हुए उन्हें युवा विरोधी बताया और कहा कि जब सरकार शपथ ले रही थी तो नीट परीक्षा में धांधली कर युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा था।

श्री खडगे ने कहा कि मोदी सरकार ने शिक्षा मंत्री तथा एनटीए द्वारा नीट घोटाले की लीपापोती चालू कर दी है।

नीट परीक्षा में धांधली नहीं होने के सरकार के दावे पर सवाल करते हुए उन्होंने कहा, “अगर नीट में पेपर लीक नहीं हुआ तो बिहार में 13 आरोपियों को पेपर लीक के चलते गिरफ़्तार क्यों किया गया। क्या रैकेट में शामिल शिक्षा माफिया व संगठित गिरोह को पेपर के बदले 30-50 लाख रुपए तक के भुगतान का पटना पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा- इओयू ने पर्दाफ़ाश नहीं किया। गुजरात के गोधरा में नीट-यूजी में धोखाधड़ी करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ नहीं हुआ है जिसमें कोचिंग सेंटर चलाने वाले एक व्यक्ति, एक शिक्षक और एक अन्य व्यक्ति समेत तीन लोग शामिल हैं। गुजरात पुलिस के अनुसार आरोपियों के बीच 12 करोड़ से अधिक का लेन-देन सामने आया है।”

उन्होंने यह भी सवाल किया कि अगर मोदी सरकार के मुताबिक़ नीट में कोई पेपर लीक नहीं हुआ तो ये गिरफ़्तारियाँ क्यों हुई। इससे क्या निष्कर्ष निकला। क्या मोदी सरकार देश की जनता की आँखों में पहले धूल झोंक रही थी या अब। मोदी सरकार ने 24 लाख युवाओं के अरमानों का गला घोंटने का काम किया है। नीट में 24 लाख युवा डॉक्टर बनने के लिए परीक्षा देते हैं। एक लाख मेडिकल सीटों में दाखिले के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। इन एक लाख सीटों में से क़रीब 55,000 सरकारी कॉलेजों की सीट है जहॉं एससी, एसटी, ओबीसी, जेडब्ल्यूएस वर्गों की सीट आरक्षित हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि इस बार मोदी सरकार ने एनटीए का दुरुपयोग कर मार्क्स और रैक्स की ज़ोरदार धाँधली की है जिससे आरक्षित सीटों का कट ऑफ भी बढ़ गया है। ऐसा प्रतीत होता है कि गुणवान के छात्रों को रियायती दरों में दाखिले से वंचित करने के लिए ग्रेस मार्क्स, पेपर लीक और धांधली का खेल खेला गया।

श्रीमती वाड्रा ने कहा, “भाजपा की नई सरकार ने शपथ लेते ही युवा सपनों पर फिर से प्रहार शुरू कर दिया। नीट परीक्षा परिणाम में गड़बड़ियों पर शिक्षा मंत्री का अहंकार भरा जवाब 24 लाख छात्रों एवं उनके अभिभावकों की चीख-पुकार को पूरी तरह से अनदेखी करता है। क्या शिक्षा मंत्री जी को सार्वजनिक रूप से मौजूद तथ्य नहीं दिखते। क्या बिहार और गुजरात में जो पुलिस कार्रवाइयां हुईं और रैकेट पकड़े गए, सरकार उन्हें भी झूठा मानती है। क्या 67 टॉपर को पूरे मार्क्स मिलना भी झूठ है। सवाल यह है कि लाखों युवाओं और उनके माता-पिता की अनदेखी कर सरकार सिस्टम में किसको बचाना चाहती है।”

उन्होंने कहा, “क्या युवाओं के सपनों को इस भ्रष्ट परीक्षा प्रणाली की भेंट चढ़ाना बंद नहीं होना चाहिए। क्या सरकार की ये जिम्मेदारी नहीं बनती कि छात्रों और अभिवावकों की बात की अनदेखी करने की बजाय, शिकायतों पर गंभीरता से गौर करे व एक्शन ले। भाजपा सरकार को अपना अहंकार त्यागकर युवाओं के भविष्य के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए और परीक्षाओं में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के उपाय करने चाहिए।”

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