इंदौर: ऐसा लगता है सरकार अपनी कई योजनाएं बंद करने की तैयारी में है और कई तो लगभग बंद भी हो चुकी है. इससे उन लोगों का नुकसान हुआ है जो इन योजना से लाभांवित हुआ करते थे. इन योजनाओं से बुजुर्ग पेंशनरों में बड़ी मयूसी है. अब वह चाह रहे हैं कि योजनाएं दोबारा शुरू की जाए या दूसरी योजना से उनकों लाभ दिया जाए.
पालदा क्षेत्र में वार्ड क्रमांक 75 पड़ता है. यहां क्षेत्र पूरी तरह से मज़दूर वर्ग से भरा पड़ा है क्योंकि यहां क्षेत्र उद्योग श्रेणी में आता है. वार्ड के हिम्मत नगर में पुराने लोग आज भी मौजूद है, जिनकी उम्र सत्तर से नब्बे हो चुकी है लेकिन देखन में यह आया है कि बाकि दूसरे वार्डों की तरह इस वार्ड में भी नब्बे प्रतिशत वृद्धा एवं विधवा पेंशन बंद पड़ी है. पड़ताल में यहां भी पता चला है कि अब पेंशन योजना दोबारा शुरू नहीं की जाएगी.
जिन्होंने पेंशन योजना का लाभ लिया है वह सरकार से इसे दोबारा शुरू करने की बात करते है क्योंकि पेंशन से मिलने वाले चंद पैसों से उन्हें कुछ तो सहारा था. वहीं जिन लोगों की पेंशन आज तक शुरू नहीं हो पाई है और उनकी आयु पैसठ से अस्सी वर्ष हो चुकी है वह भी सरकार से गुहार लगा कर कहते हैं कि दूसरी योजना के अंतर्गत उन्हें लिया जाए और लाभ दिया जाए.
इनका कहना है
इस ख़बर से पेंशनरों के मन उदास है. जिनकों कुछ पैसे मिल जाते थे वह अपनी दवा का बंदोबस्त कर लेते थे. अब वहां भी बंद हो गया. बुजुर्ग अपनी परेशानी में मुंह ही देख सकते हैं.
– विमल जैसवाल
यहां पूरी तरह से पेंशन योजना का लाभ किसी को नहीं मिलता. यह योजना ऐसी थी जिससे हम जैसे बुजुर्गों को सहारा था. दो पैसों के लिए किसी की आगे हाथ नहीं फैलाने पड़ते थे.
– भागीरथ सोलंकी
हम आंगनवाड़ी में कई बार गए थे झोन के चक्कर कांटे लेकिन अब हमें कहां जा रहा है कि अब किसी को भी पेंशन योजना नहीं दी जाएगी क्योंकि यह योजना बंद हो चुकी है.
– ओमवती बाई
सत्तर वर्ष का हो चुका हूं. दस साल में कई बार फर्म भरें लेकिन पेंशन का लाभ नहीं मिला. सुना है योजना अब बंद होने वाली है. सरकार ने ऐसा क्यों किया. इस दोबरा शुरू करना चाहिए.
– राजपाल शर्मा