नयी दिल्ली 28 मार्च (वार्ता) केंद्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव ने शुक्रवार को कहा कि योग–प्राकृतिक चिकित्सा को राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग अधिनियम में सम्मिलित किया जाएगा।
श्री जाधव ने यहां एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि योग – प्राकृतिक चिकित्सा को अन्य आयुष चिकित्सा पद्धतियों के समकक्ष लाने का भी प्रयास किया जाएगा। उन्होंने योग प्राकृतिक चिकित्सा को राष्ट्रीय नेशनल आयुष मिशन में अनिवार्य घटक के रूप में सम्मिलित करने एवं आयुष्मान भारत योजना से जोड़ने के प्रयासों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सकों की पंजीकरण प्रक्रिया शीघ्र आरंभ होगी।
सम्मेलन का आयोजन प्राकृतिक चिकित्सा की संस्था सूर्या फाउण्डेशन और अंतर्राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संगठन ने किया। सम्मेलन में प्राकृतिक चिकित्सा – योग विशेषज्ञों, पक्षों और सांसदों ने भाग लिया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आयुष मंत्रालय योग – प्राकृतिक चिकित्सा को जन सामान्य तक पहुंचने का रचनात्मक प्रयास कर रहा है। वर्ष 2014 के बाद देश के विभिन्न राज्यों में अनेक प्राकृतिक चिकित्सालयों का निर्माण हुआ है जहां पर इस प्रभावशाली पद्धति से लोगो को आरोग्य किया जा रहा है।
बैठक में आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा, केन्द्रीय योग नेचुरोपैथी अनुसंधान परिषद् डॉ. राघवेंद्रराव, मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के निदेशक डॉ. काशीनाथ समगंडी, संसद सदस्य श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, श्री अनुराग ठाकुर, डॉ. भोला सिंह, श्री राजू बिष्ट, श्री शंकर सिंह लालवानी, श्री रमेश अवस्थी, श्रीमती स्मिता वाघ, श्री हरिभाई पटेल, श्री मनोज तिग्गा, श्री ईरण्ण कडाडी, श्री निलेश लंके, डॉ. जयंत कुमार राय और अन्य संसद सदस्य उपस्थित रहे।