इंदौर: नगर निगम राजस्व अमले ने आज शहर के गुरुद्वारे, मस्जिद और एक कॉम्प्लेक्स की दुकानें सील करने की कार्रवाई की. उक्त दुकानों पर नगर निगम का 30 लाख रुपए से ज्यादा संपत्ति कर बकाया है. गुरुद्वारे पर कार्रवाई को लेकर सिख समाज नाराज हुआ और महापौर को आपत्ति दर्ज कार्रवाई.नगर निगम राजस्व अमले ने आज सुबह गुरुद्वारा इमली साहिब को 9 दुकानें सील कर दी. साथ गुरुद्वारे का दफ्तर और नीचे बैंक को सांकेतिक रूप से सील करने की कार्रवाई की. इसके अलावा निगम के राजस्व अमले वार्ड 62 में स्थित एक मस्जिद की 13 दुकानें और एक कॉम्प्लेक्स की 9 दुकानें सील की.
नगर निगम राजस्व विभाग के अधिकारियों ने आज यशवंत रोड स्थित गुरुद्वारा इमली साहिब पर 15 लाख संपत्ति कर बकाया होने को लेकर नीचे की सभी 9 दुकानें, सिख समाज का दफ्तर और पंजाब एंड सिंध बैंक की शाखा को सील कर दिया. निगम सहायक राजस्व अधिकारी मयूर पाटिल ने बताया कि तीन स्थानों पर 30 लाख से ज्यादा संपत्ति कर बकाया होने पर सील करने के कार्रवाई की गई है. जिसमें गुरुद्वारे का दफ्तर और बैंक को सांकेतिक सील किया है. दुकानें पूरी तरह सील कर दी गई है. इसके अलावा मस्जिद की 13 दुकानें पर 12 लाख रुपए और जवाहर मार्ग पर एक कॉम्प्लेक्स के 9 दुकानें भी संपत्ति कर नही देने के कारण सील की है.
सिख समाज में नाराजगी
गुरुद्वारे का दफ्तर सील करने को लेकर गुरूसिंग सभा के सचिव प्रितपाल सिंह भाटिया ने कहा कि निगम की कारवाई गलत है. एक दम से इतनी राशि जमा करने के लिए समय चाहिए. हम सारा कर देने को तैयार है, लेकिन गुरु साहिब दफ्तर भी सील कर दिया. सिख समाज इस मामले में आवाज उठाएगा.
महापौर ने कहा कार्रवाई दुर्भाग्यपूर्ण
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने गुरुद्वारा इमली साहिब पर निगम कार्रवाई को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि निगम कर्मचारियों से त्रुटि पूर्ण कारवाई हो गई है. निगम कर्मचारियों पर कारवाई करेंगे. गुरुद्वारे के दफ्तर और बैंक खोलने का अधिकारियों से कहा है. महापौर ने कहा कि देश, प्रदेश और शहर में सिख समाज का विशेष योगदान रहा है और हमेशा रहता है