भोपाल। राजधानी के शिवाजी नगर का जवाहर बाल उद्यान, जो कभी बच्चों की किलकारियों और परिवारों के लिए एक शांत स्थल के रूप में जाना जाता था, आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। उद्यान के मध्य में स्थित सरोवर, जो कभी अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध था, अब दिन में मछुआरों और शाम को नशेडियों का अड्डा बन गया है। सरोवर में सुरक्षा के अभाव के कारण, यह स्थान असामाजिक तत्वों के लिए एक सुरक्षित ठिकाना बन गया है। दरअसल इस सरोवर में दिन भर मछुआरों का आतंक रहता है। वे बिना किसी रोक-टोक के जाल डालकर या मछली पकडऩे वाले डंडे की मदद से मछलियाँ पकड़ते हैं, जिससे सरोवर का पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित हो रहा है। मछुआरों के जाल में छोटी मछलियाँ भी फंस जाती हैं, जिससे सरोवर में मछलियों की संख्या कम हो रही है। और वही जैसे ही सूरज ढलता है, जवाहर बाल उद्यान का सरोवर नशेडियों का अड्डा बन जाता है। वे सरोवर के किनारे बैठकर शराब पीते हैं, सिगरेट पीते हैं और अन्य नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं। उनकी हरकतों से उद्यान में आने वाले परिवारों को परेशानी होती है। कई बार, नशेडियों के बीच झगड़े भी होते हैं, जिससे उद्यान में डर का माहौल बन जाता है।
नगरीय प्रशासन को जवाहर बल उद्यान में हो रही आसामाजिक गतिविधि पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाने चाइये इस उद्यान की देख रेख के लिए सीसीटीवी और गार्ड की तत्काल नियुक्ति करनी चाहिए जिससे बच्चो के लिए बना उद्यान सही सलामत रहे और बच्चे इसमें अपने मनोरंजन के आना पसंद करे