फ्यूचर फंड भुगतान करने पुत्र से मांगी पांच लाख की रिश्वत 

सीबीआई ने आयुक्त और बाबू पर दर्ज की एफआईआर

 

पीएफ क्लर्क गिरफ्तार, ठिकानों पर चली छापेमारी

 

जबलपुर। लंबित भविष्य निधि

की राशि 60 लाख भुगतान करने के एवज में 5 लाख की रिश्वत मांगने के मामले में जबलपुर सीबीआई ने आयुक्त, भविष्य निधि, क्षेत्रीय कार्यालय, जबलपुर और और पीएफ क्लर्क, सब एरिया कार्यालय, एसईसीएल, नौरोजाबाद, जिला उमरिया (एमपी)  के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज कर लिया है। मंगलवार को क्लर्क को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके ठिकानों पर छापेमारी भी की गई है जहां से आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज कुमार बर्मन, निवासी ग्राम व पोस्ट करेला, थाना बरही, जिला, कटनी

ने सीबीआई, एसीबी, जबलपुर को शिकायत करते हुए बताया कि उमाशंकर तिवारी, पीएफ क्लर्क (बाबू), सब एरिया कार्यालय, नौरोजाबाद ने उनके पिता  स्व बाबू नन्दन बर्मन के लंबित भविष्य निधि के भुगतान के लिए 5,00,000 रुपये की रिश्वत की मांग की है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि पिता कुदरी कोल माइंस में कार्यरत थे। उनकी मौत 14 मई 2021 को हो गई थी। पुत्र राज कुमार बर्मन अपने बहनोई के भाई कौशल बर्मन के साथ अपने पिता की लंबित भविष्य निधि जारी करने के लिए कई बार सब एरिया कार्यालय, नौरोजाबाद गया, जहां उनकी मुलाकात उमाशंकर तिवारी, पीएफ क्लर्क (बाबू), सब एरिया कार्यालय, नौरोजाबाद से हुई। उमाशंकर तिवारी ने उन्हें बताया था कि शिकायतकर्ता के पिता की पीएफ राशि लगभग 50-60 लाख रुपये है। उमाशंकर तिवारी ने इस संबंध में कौशल बर्मन को कोल माइंस भविष्य निधि, जबलपुर के क्षेत्रीय कार्यालय में टेलीफोन पर बुलाया था। इसके बाद, वे जबलपुर गए और उमाशंकर तिवारी से मिले, जहां उन्होंने उनकी मुलाकात आयुक्त, कोयला खान भविष्य निधि, क्षेत्रीय कार्यालय, जबलपुर से कराई। आयुक्त कार्यालय से बाहर आने के बाद उमाशंकर तिवारी ने  बताया कि उनका काम हो जाएगा, लेकिन इसके लिए उन्हें 5 लाख रुपये की रिश्वत देनी होगी और कहा कि 2,50,000 रुपये आयुक्त, कोयला खान भविष्य निधि, क्षेत्रीय कार्यालय, जबलपुर को देने होंगे।

पहली किश्त में मांगे डेढ़ लाख-

शिकायत में आरोप लगा कि उमाशंकर तिवारी ने कौशल बर्मन को कई बार टेलीफोन किया और रिश्वत की मांग की और पहली किश्त के रूप में 1,50,000 का भुगतान करने के लिए कहा। शिकायतकर्ता रिश्वत नहीं देना चाहता था। जिसके बाद उसने सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई।

जांच में हुआ खुलासा-

शिकायत सत्यापन से  पता चला कि  उमाशंकर तिवारी, पीएफ क्लर्क (बाबू), सब एरिया ऑफिस, एसईसीएल, नौरोजाबाद ने शिकायतकर्ता को बकाया भविष्य निधि जारी करने के लिए पहली किस्त के रूप में 1,50,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी। जांच में बाबू ने रिश्वत राशि स्वीकार करने पर सहमति व्यक्त की। उमाशंकर तिवारी, पीएफ क्लर्क, सब एरिया कार्यालय, एसईसीएल, नौरोजाबाद और आयुक्त, क्षेत्रीय कार्यालय, कोयला खान भविष्य निधि, जबलपुर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम समेत अन्य धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर ली हैं।

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