फायर ब्रिगेड की तीन गाड़ियां पहुंची और पानी फेंकना शुरू किया गया। तड़के तक आग तो बुझ गई लेकिन वार्ड और गायनिक के आइसीयू के अंदर धुआं भर गया। इसके चलते सभी 150 मरीज, प्रसूता और हाल ही में जन्मे बच्चों को भी अस्पताल से बाहर निकाला गया। अस्पताल परिसर में इस घटना के बाद अफरा-तफरी मच गई। दो लोग गिरकर घायल भी हो गए।
अस्पताल की दूसरी मंजिल पर स्थित गायनिक के आईसीयू के एसी में शार्ट सर्किट होने से आग लगी और कुछ ही देर में अस्पताल परिसर धुआं से भर गया। नगर निगम के उपायुक्त अतिबल सिंह यादव ने बताया कि अस्पताल के आइसीयू के एसी शार्ट सर्किट हुआ था। इसके बाद आग लग गई थी।समय पर सूचना मिल गई, जिसके चलते तुरंत फायर ब्रिगेड की गाड़ियां यहां पहुंच गई। आग पर काबू पा लिया गया, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई। वार्ड में लगभग 150 महिलाएं भर्ती थीं। जिनको1000 बिस्तर अस्पताल में शिफ्ट किया गया है।
खिड़कियां तोड़ीं, जिससे धुआं बाहर निकल जाए जैसे ही आग लगी तो तुरंत फायर ब्रिगेड की गाड़ियां आना शुरू हो गई। आसपास के क्षेत्र में जो लोग मौजूद थे, वह भी मदद के लिए आ गए। अस्पताल के बाहर से ही कई खिड़कियों के कांच तोड़े, जिससे मरीजों को बाहर निकाला जा सके एवं धुआं बाहर निकल जाए।