शेर-बाघ के लिये लगाये गये वाटर कूलर, शाकाहारी को दिया जा रहा तरबूज और ककडी
रीवा: इस समय आसमान से आग बरस रही है तेज धूप और गर्म हवाओ के चलते दिन का तापमान 42 डिग्री पहुंच चुका है. भीषण गर्मी से वन्य प्राणियो को बचाने के लिये मुकुन्दपुर चिडिय़ा घर में विशेष इंतजाम किये गये है ताकि गर्मी से राहत मिल सके. यहां शेर, बाघ, तेंदुआ कूलर की हवा ले रहे है तो वही सांभर, चीतल जैसे शाकाहारी जीव ककडी, तरबूज खा रहे है. मांसाहारी जीव के डाइट में भी बदलाव किया गया है. गर्मी से बचाने के लिये शेड़ पर पानी का छिडक़ाव किया जा रहा है ताकि ठंडक बनी रहे.
गर्मी के तेवर अब दिखने लगे हैं, तापमान 42 के पार पहुंच गया है. ऐसे में गर्मी से वन्यजीव भी परेशान हो जाते हैं.
मार्तण्ड सिंह जूदेव चिडिय़ाघर के वन्यजीवों को गर्मी से राहत देने के लिए खास इंतजाम किए गए हैं. मांसाहारी वन्यजीवों को ठंडा रखने के लिए उनके नाइट हाउस में कूलर लगाया गया है. सभी को कूलर की हवा में कूल-कूल रखा जा रहा है. इसके अलावा इनके बाड़ों में ऊपर से पानी की बौछार के लिए टॉप पर स्प्रिंकलर लगाया गया है. स्प्रिंकलर की मदद से इन पर पानी की बौछार की जा रही है. साथ ही बाड़ों में झोपडिय़ां बनाई गई हैं. इन झोपडिय़ों में मांसाहारी जीव गर्मी से बचने के लिए आराम फरमा सकते हैं. इसका इंतजाम किया गया है.
वन्यजीवों के डाइट में भी बदलाव किया गया है. मांसाहारी जीव गर्मी में मांस नहीं पचा पाते हैं. इस वजह से उनके डाइट में भी बदलाव किया गया है पहले जो डाइट दी जाती थी. उसमें एक से डेढ़ किलो तक मांस कम कर दिया गया है. इसी तरह शाकाहारी जीवों को भी घास के साथ ही पानी वाले फल जैसे तरबूज, ककड़ी, खीरा आदि खिलाया जा रहा है. इन फलों को खिलाकर शाकाहारी जीवों को तरोताजा रखा जा रहा है. गर्मी में पानी की कमी वन्यजीवों में न होने पाए इसका भी ख्याल रखा जा रहा है.
गर्मी के तेवर सुबह से ही कड़े हो जाते हैं. ऐसे में गर्मी से बचाने के लिए वन्यजीवों के लिए यहां खास इंतजाम है शेड बनाए गए हैं. शेड के नीचे पहले पानी का छिडक़ाव किया जाता है. इसके बाद ही वन्य जीवों को छोड़ा जाता है. जमीन में नमी आने से वन्य जीवों को ठंडक का एहसास होता रहता है.