एनएचएआई की लापरवाही के कारण भ्रमित हो रहे यात्री
सुसनेर, 11 मार्च. यदि आप उज्जैन-झालावाड़ राष्ट्रीय राजमार्ग 552 जी से यात्रा कर रहे हैं, तो सावधान हो जाइए. क्योंकि इस मार्ग के किनारे लगे संकेतक बोर्ड आपको आपकी मंजिल से भटका सकते हैं. ऐसा हम नहीं बल्कि एनएचएआई के द्वारा लगाए गए संकेतक बोर्ड बोल रहे हैं.
दरअसल, सुसनेर से आगर की ओर 3 किलोमीटर की दूरी पर नवोदय के सामने गुर्जर खेड़ी गांव का बोर्ड लगा हुआ है, जो कि इस मार्ग से यात्रा करने वाले यात्रियों को भटका रहा है.
क्योंकि जिस पश्चिम दिशा की ओर तीर का निशान बनाकर यह बोर्ड लगाया गया है, वहां पर गुर्जर खेड़ी नाम का कोई गांव ही नहीं है. ऐसे में यह बोर्ड यात्रियों और वाहन चालकों को भ्रमित कर रहा है. यह बोर्ड आज से नहीं बल्कि जब से उज्जैन-झालावाड़ राष्ट्रीय राजमार्ग बनकर तैयार हुआ है, तब से लगा हुआ है. लेकिन मंगलवार को यह सुर्खियों में आ गया. जिसे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण नई दिल्ली की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिए.
स्थानीय प्रशासन अनजान…
गुर्जरखेड़ी का गलत संकेतक बोर्ड लगाने में किसकी गलती है. इसमें इंजीनियर की गलती मानें या फिर एनएचएआई के द्वारा जिस कंपनी को ठेका दिया गया था, उस जीएचवी कम्पनी की. इसमें सबसे बड़ा सवाल यह भी उठता है कि इस पूरे मामले से स्थानीय प्रशासन अभी तक अनजान बना हुआ है. जबकि इस संकेतक बोर्ड के कारण अनेकों यात्री अपनी मंजिल से भटक चुके हैं. जाने-माने यात्री इस बोर्ड को लगाने पर संबंधित इंजीनियर को कोसते हुए नजर आ रहे हैं.
गुर्जर खेड़ी नहीं, बल्कि आकली जाता है संकेतक बार्ड के पास से रास्ता…
इस मार्ग पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की एक नहीं बल्कि अनेकों गलतियां ऐसी हैं, जिससे यात्री चुकला रहे हैं. चाहे वह पुल-पुलियाओं का अधूरा निर्माण हो या फिर संकेतक बोर्ड के मामले हों. जिम्मेदारों ने नवोदय विद्यालय के पास गुर्जर खेड़ी का संकेत बोर्ड लगा दिया गया, लेकिन जब आप इसके भरोसे से गांव की ओर जाते हैं, तो गुर्जर खेड़ी नहीं बल्कि आकली पहुंच जाते हैं. क्योंकि यहां पर आकली ही बसा हुआ है.