कई लोकेशन पर निगरानी हो गई ठप्प

सीसीटीव्ही पड़े है बंद, नहीं हो रहा सुधार काम
जबलपुर: बढ़ते अपराधों की रोकथाम के साथ अपराधियों की शिनाख्तगी में सीसीटीव्ही कैमरे अहम भूमिका निभाते है। सीसीटीव्ही कैमरे पुलिस की तीसरी आंख कहे जाते है लेकिन अनदेखी के चलते इन दिनों अनेक लोकेशन पर सीसीटीव्ही कैमरों से निगरानी बंद है। बताया जाता है कि कई ऐसी लोकेशन ने जहां सीसीटीव्ही कैमरे बंद पड़े है जिनका सुधार कार्य नहीं किया जाता है बंद पड़े कैमरों की सुधार की ओर न तो ठेका कंपनी ध्यान देती है और नहीं अफसर इस ओर ध्यान दे रहे है। जिसके चलते निगरानी ठप्प पड़ी हुई है। हालांकि दावा किया जा रहा है कि  कुछ कैमरों में तकनीकी खराबी आती रहती है जिसके सुधार कार्य के लिए मैंटेनेंस करने वाली कम्पनी को भेजा जाता है और तुरंत सुधार कार्य कराया जाता है।
हर दिन 10 से 20 प्रतिशत कैमरे हो जाते है ठप
ट्रैफिक व्यवस्था से लेकर अपराधियों की धरकपड़ और उनकी शिनाख्ती में तीसरी आंख की महत्वपूर्ण भूमिका होती है लेकिन रोजाना तकनीकी खराबी आने से 10 से 20 प्रतिशत कैमरे ठप हो जाते है। हालांकि उनका तुरंत प्राथमिकता के साथ सुधार कार्य कराने का दावा किया जाता है परंतु ऐसे में अगर जहां कैमरे बंद है और वहां अपराध हो जाएं तो आरोपी की शिनाख्ती में पुलिस को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
हाईटेक का दावा, चेहरे तक स्पष्ट नहीं
सीसीटीवी लगाने वाली कम्पनी हाईटेक और स्मार्ट कैमरे शहर में लगाने का दावा जरूर करती है लेकिन यह हाईटेक कैमरों की हकीकत उस वक्त सामने आती है जब किसी लोकेशन पर अपराध हो जाएं और पुलिस जब कैमरे खंगाले तो उसमें आरोपियों के चेहरे तक स्पष्ट कैद नहीं हो पाते है ऐसे में पुलिस को आरोपी तक पहुंचने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
फ्लाईओव्हर मार्ग पर भी नहीं लगे कैमरे
दमोहनाका से मदनमहल तक बन रहे मप्र के सबसे फ्लाईओव्हर के मार्ग पर कुछ ऐसी लोकेशन है जहां कैमरे नहीं है। अधिकारियों का कहना है कि निर्माण कार्य की वजह से यहां कैमरे नहीं लग पा रहे है निर्माण कार्य पूरा होते ही चिन्हित जगह पर सीसीटीव्ही कैमरे लगा दिए जाएंगे।
  नहीं मिल रही लाइव लोकेशन
अनेक स्थानों पर कैमरे बंद होने से ट्रैफिक व्यवस्था, अपराधों की रोकथाम, आरोपियों की शिनाख्तगी में परेशानी आ रही है। इन कैमरों के बंद होने के कारण कई स्थानों पर लाइव लोकेशन पुलिस कंट्रोल रूम को नहीं मिल रही है।
627 कैमरों से होती है निगरानी
विदित हो कि वर्तमान में शहर की 627 कैमरे लगे हुए है जिनसे निगरान की जाती है जिनमें से कई कैमरे बंद पड़े है। इसके अलावा ऐसे कई इलाके भी है जो रात के वक्त सूने हो जाते है वहां कैमरे नहीं है।
इनका कहना है
ऐसी कोई जानकारी नहीं है। तकनीकी खराबी से रोजाना कुछ कैमरे बंद होते है जिनका तुरंत सुधार कार्य किया जाता है। अगर ऐसा कुछ है तो मैं दिखवाता हूं।  सुधार कार्य कराया जायेगा।
जितेन्द्र पटेल, एसपी, रेडियो

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