जबलपुर: जैसे-जैसे लोग डिजिटल हो रहे हैं वैसे-वैसे साइबर अपराधी अपराध करने के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। साइबर ठग हर दिन नई-नई तरकीबें निकालते हुए फ्रॉड कर रहे है और पढ़े लिखे लोगों के साथ भोले-भाले लोगों को भी अपना शिकार बना रहे है। साइबर ठगों ने गूगल में भी अपना जाल बिछा रखा है जहां अपराधियों ने अपने नंबर अपलोड कर दिए है। अगर आप किसी अस्पताल, विभाग या कस्टमर केयर, किसी विभाग या अन्य आवश्यकता के अनुसार नंबर सर्च करते है तो हो सकता है आप साइबर ठग के चंगुल में फंस जाए और आपके खातों में जमा पुंजी को ठग मिनटों में उड़ा दें। ऐसी ठगी का कई लोग शिकार हो रहे है।
जल्दबाजी नहीं, बरतें सावधानी
गूगल या सोशल मीडिया में दिखने वाले मोबाइल नंबर पर भरोसा मत करिए। गूगल से अगर आप कोई नंबर सर्च कर निकालते है तो जल्दबाजी नहीं करें। कॉल करने पहले उसकी अच्छे से जांच कर ले। साइबर ठग आपको अपने जाल में फंसाने के लिए गूगल पर फर्जी मोबाइल नंबर डाल रहे हैं।
गलगला चौक निवासी आशीष कुमार गुप्ता ने शहर के निजी अस्पताल मेें मामी को दिखाने के लिए अपाईमेंट बुल करने गूगल पर ऑनलाइन नम्बर सर्च किया जिसके बाद वे साइबर ठग के चंगुल में फंस गए और अकाउण्ट से 46 हजार 999 रूपये डेबिट हो गये। 8 मार्च को पीडि़त ने अधारताल थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
ग्वारीघाट थाना थाना अंतर्गत पोलीपाथर निवासी वीरल परमार ने गूगल से फ्लिप कार्ट का हेल्पलाईन नम्बर निकाला एवं उक्त नम्बर पर बात की इसके बाद उसके पास ओटीपी आया। इसके बाद उसके बैंक एकाउण्ट से 96 हजार 500 रूपये कट गये। 2 फरवरी 2025 को ग्वारीघाट पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है।
इनका कहना है
किसी संस्था या कंपनी के कस्टमर केयर नंबर के लिए उनकी अधिकारिक वेबसाइट्स, एप्स का ही प्रयोग करें। कस्टमर केयर नंबर को गूगल या किसी अन्य सर्च इंजन पर खोजने से बचें। नागरिकों से अपील है कि वे सावधानियां बरतें।
सविता नीरज ठाकुर, निरीक्षक, राज्य साइबर सेल, जबलपुर