सिंगरौली: बेसहारा और बेजुबान मवेशियों का हाल-बेहाल है। गौशालाओं में बंधे बेसहारा पशु बिना पानी और चारा तथा इलाज के दम तोड़ रहे हैं।इतना ही नहीं मृत पशुओं को दफनाने की व्यवस्था नहीं होने की वजह से भी मृत मवेशियों को पशु आश्रय केंद्रों पर खुले आसमान पर कई दिन पड़े रहते हैं। इधर, जनपद पंचायत चितरंगी के ग्राम पंचायत धानी में गौशाला हैं। यहां अक्सर भूख-प्यास से तड़प-तड़प कर गौवंश की मौत हो रही है।
अब एक बार फिर भूख-प्यास और इलाज न मिलने के कारण तीन गौवंश ने दम तोड़ दिया है। गौशाला संचालक करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा तब देखने को मिली, जब गौशाला के अंदर मृत गौवंश दो दिनों से पड़े हैं। कम से कम मृत मवेशियों का अंतिम संस्कार समय पर कर दिया गया होता। गौशाला की जिम्मेदारी सरपंच व ग्राम पंचायत विकास अधिकारी की होती है। इनकी निगरानी में गौशाला का संचालन होता है। तो वही गौवंश के संरक्षण की जिम्मेदारी जिला पंचायत सीईओ की होती है।
