डॉक्टर बनना चाहती थी पूजा, लेकिन मौत को लगा लिया गले

पिता ने शराब नहीं छोड़ी तो पेट्रोल डालकर लगा ली खुद को आग
सुसाइड नोट में पिता, शराब विक्रेता और पुलिस को ठहराया जिम्मेदार

बड़वाह: नगर से करीब 15 किमी दूर रावत पलासिया में 18 वर्षीय युवती पूजा चौहान ने शुक्रवार सुबह लगभग 10 बजे को घर की छत पर खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली थी, जिसके बाद परिजन, ग्रामीणों की सहायता से पूजा को एम्बुलेंस से बड़वाह सिविल अस्पताल लेकर आए. यहाँ मौजूद डॉक्टर ने पूजा का प्राथमिक उपचार किया.डॉ. यशवंत इंगला के मुताबिक सुबह करीब 11.30 बजे जब पूजा को लेकर आए तो वह करीब 90 फीसदी जल चुकी थीजिसके चलते उसे इंदौर रेफर किया था लेकिन इंदौर पहुंचने से कुछ देर पहले उसने दम तोड़ दिया. पूजा के शव का पीएम इंदौर एमव्हाय अस्पताल में हुआ. इसके बाद देर शाम को शव रावत पलासिया लेकर आए. जहाँ पूजा का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान परिजनों को पूजा का सुसाईड नोट भी मिला था जिसमे उसने इस कृत्य के लिए अपने शराबी पिता माणा, पुलिस व अवैध शराब निर्माता, विक्रेताओं को इसका जिम्मेदार ठहराया था. इस आधार पर शनिवार सुबह पुलिस ने पिता को ग्राम रावत पलासिया से गिरफ्तार कर लिया है।सुबह करीब 11 बजे पूजा के पारिजन बड़वाह थाने भी पहुंचे है.

घटना के पहले दी थी चेतावनी
घटना वाले दिन शुक्रवार को भी सुबह पिता ने शराब पीकर माँ के साथ मारपीट की थी. पूजा ने 100 डायल बुलाकर पिता को पकड़वाने का प्रयास किया लेकिन माणा वहां से भाग गया. इसके बाद पूजा ने पुलिसकर्मियों से पिता कहा गया है वह स्थान बताकर पकड़ने के लिए भी कहा था. चचेरे भाई मुकेश के मुताबिक पूजा ने पुलिसकर्मियो चेतावनी भी दी थी कि यदि पकड़ा नही गया वह आत्महत्या कर लेगी. लेकिन जब पुलिसवाले मौके से चले गए तो उसने कुछ देर बाद भी सुसाईड नोट लिखकर घर की छत पर जाकर खुद को आग लगा ली थी. पूजा घर में माँ से बेहद प्यार करती थी. यही कारण ही की जब पिता मारपीट करते थे तो वह उनका विरोध करती थी. पूजा के अलावा घर में तीन बहने है जिसमें लक्ष्मी सबसे बड़ी है. वह मुंबई में जॉब करती है. जबकि पूजा से छोटी कुमकुम और मिष्ठी है. युवतियों ने कहा की हमारा गाँव अवैध शराब का गढ़ है. यहां पर अवैध शराब बंद होना चाहिए.

चिकित्सक बनना चाहती थी पूजा
पबड़वाह की सीएम राईज स्कूल में बाहरवी कक्षा की बायोलोजी विषय की छात्रा थी. वह स्कूल के पास छात्रावास रहती थी. थोड़े दिन पहले ही उसका रिजल्ट आया था जिसमें उसने 74 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे. स्कूल प्रिंसिपल हंसा कानुडे ने बताया कि वह रिजल्ट लेने तो नहीं आई थी. लेकिन उसकी बड़ी बहन से बात हुई थी. वह काफी खुश थी. उन्होंने बताया था कि पूजा बेहद प्रतिभाशाली छात्रा थी. वह चिकित्सक बनना चाहती थी जिसके लिए वह अभी से इंट्रेंस एक्जाम की तैयारियों मे जुट गई थी. पूजा को पढ़ाई में उसकी बड़ी बहन लक्ष्मी बहुत सपोर्ट करती थी.

सुसाईड नोट में बताई आत्महत्या की वजह
पुलिस को पूजा का सुसाईड नोट भी बरामद हुआ है जिसमे उसने अनुसार पिता आए दिन माँ गंगा के साथ मारपीट करने के साथ चारित्रिक शंका करता था. पूजा सहित तीन अन्य बहनों के साथ भी मारपीट एवं अपशब्दों का प्रयोग करता था. इस बारे में उसने कई बार पुलिस की डायल 100 पर काल भी किया था. लेकिन ठोस कार्यवाही न होने पर इसके बावजूद न तो पिता ने दारु पीना छोड़ा न मारपीट करना

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