झाबुआ। क्षेत्रीय सांसद गुमानसिंह डामोर ने सोमवार को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) को लागू करने के कदम के लिए केंद्र की मोदी सरकार की सराहना की और कहा की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने अपना वादा निभाया है। उन्होने कहा की प्रधानमंत्री जो कहते हैं, सरकार उसे पूरा करती है। उन्होंने इस फैसले के लिए मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सराहना की। डामोर ने कहा की 11 मार्च 2024 एक ऐतिहासिक दिन जब सीएए मोदी की गारंटी के साथ एक वास्तविकता बन गया। केन्द्र की सरकार ने अपनी ’गारंटी’ पूरी की है। डामोर ने केंद्र द्वारा सीएए के नियमों को अधिसूचित करने का स्वागत करते हुए कहा कि इससे पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर ’प्रताडि़त’ शरणार्थियों के लिए भारतीय नागरिकता प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
भ्रम को दूर करने स्पष्टीकरण जारी
डामोर ने कहा 11 मार्च से देशभर में नागरिकता संशोधन कानून लागू हो गया है। केंद्र सरकार ने आम लोगों के इस भ्रम को दूर करने के लिए एक स्पष्टीकरण जारी किया है और देश में रह रहे लोगों को आश्वासन दिया है कि भारत के अल्पसंख्यकों, खासकर मुस्लिम समुदाय को डरने की जरूरत नहीं है। कानून से किसी की नागरिकता नहीं छीनी जा रही है। इस कानून से किसी भी नागरिक को कोई खतरा नहीं है। किसी भी नागरिक का कोई अधिकार नहीं छीना जाएगा। सरकार ने भी साफ किया कि ये नागरिकता देने का कानून है, नागरिकता लेने का नहीं। देश के गृह मंत्री शाह ने कहा था कि भारत में रहने वाले किसी नागरिक को डरने की जरूरत नहीं है। इस कानून से किसी की नागरिकता छिनने वाली नही है। उन्होंने कहा कि देश के गृह मंत्री पर सभी का भरोसा होना चाहिए, फिर वे बहुसंख्यक हो या अल्पसंख्यक इस कानून से भारतीय नागरिको को कोई खतरा नहीं है।
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव
डामोर ने बताया की सरकार की तरफ से कहा गया है कि बंटवारे के बाद के हालात के समाधान के लिए इस कानून को लागू किया गया है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव किया गया था। रोहिंग्या बांग्लादेश से घुसपैठ कर भारत आते हैं, इसलिए इस कानून में उनको शामिल नहीं किया गया है। सरकार ने साफ किया कि सिक्किम, नॉर्थ-ईस्ट के लोगों को सीएए कानून से कोई नुकसान नहीं है। नॉर्थ-ईस्ट में आर्टिकल- 371 नहीं हटाया जा रहा है। असम समझौते का पूरी तरह पालन किया जाएगा। उन्होने यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने सीएए पर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। सीएए पर बिल 4 साल पहले पास हुआ था। दिसंबर 2019 में संसद ने इस बिल को पास कर दिया था। इस कानून के तहत धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता दी जाएगी। इस कानून के दायरे में पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से आने वाले हिंदू, जैन, सिख, ईसाई, पारसी आएंगे। ज्ञातव्य है कि नागरिकता कानून में साल 1955 में संशोधन किया गया था।
12 झाबुआ-1- सांसद डामोर