संजय टाइगर रिजर्व में बाघिन के चार शावक कर रहे अठखेलियां

० दुबरी अभ्यारण्य में बाघों का बढ़ रहा तेजी से कुनबा, बाघों की चौकसी में लगा वन अमला

नवभारत न्यूज

सीधी 27 अप्रैल। संजय टाइगर रिजर्व सीधी से लंबे समय बाद खुशखबरी आई है। यहां बाघिन टी-28 ने चार शावकों को जन्म दिया है जो अब करीब तीन माह के हो चुके है और मां के साथ अठखेलियां करते नजर आ रहे है। संजय टाइगर रिजर्व के अधिकारियों के अनुसार बाघिन टी-28 ने दूसरी बार शावकों को जन्म दिया है। इसके पहले उसने तीन शावकों को जन्म दिया था।

संजय टाईगर रिजर्व का दुबरी अभ्यारण्य चार नन्हे बाघ शावकों के आने से गुलजार है। बाघिन टी-28 अपने चार बाघ शावकों के साथ दुबरी रेंज में स्वच्छंद विचरण कर रही है। जहां भी बाघिन जाती है उसके पीछे चार नन्हे शावक भी जाते हैं। चार नन्हे शावकों के चलते दुबरी अभ्यारण्य काफी आकर्षण का केन्द्र बन गया है। लोग अपने कैमरों में बाघिन टी-28 एवं उसके पीछे विचरण करते चार नन्हे शावकों को कैद करने में लगे हुए हैं। संजय टाईगर रिजर्व क्षेत्र के दुबरी अभ्यारण्य के अब बाघ शावकों की संख्या बढक़र अब 12 हो गई है। मालूम रहे कि संजय टाईगर रिजर्व का दुबरी क्षेत्र बाघों की अनुकूलता के लिहाज से काफी खास है। इसी वजह से यहां सबसे ज्यादा पर्यटक बाघों का लुत्फ उठाने के लिए पहुंचते हैं। बाघों की संख्या अब संजय टाईगर रिजर्व क्षेत्र में करीब आधा सैकड़ा पहुंच चुकी है। बाघों का कुनबा जिस तेजी के साथ दुबरी अभ्यारण्य एवं संजय टाईगर रिजर्व क्षेत्र में बढ़ रहा है। उसके चलते विभागीय अधिकारी भी काफी उत्साह में हैं। उनका मानना है कि जल्द ही संजय टाईगर रिजर्व क्षेत्र में बाघों का कुनबा और ज्यादा बढ़ेगा। बाघों की दहाड़ से समूचा वन क्षेत्र गूंजना शुरू हो जाएगा।

बाघों की संख्या ज्यादा से ज्यादा बढ़ सके इसके लिए संजय टाईगर रिजर्व के अधिकारी लगातार प्रयास कर रहे हैं। दुबरी अभ्यारण्य एवं संजय टाईगर रिजर्व क्षेत्र में बाघों को पर्याप्त संख्या में शिकार आसानी से उपलब्ध होता रहे इसके लिए छोटे वन्य जीवों को लगातार छोड़ा जा रहा है। जिसके लिए बाघों को अपने शिकार के लिए ज्यादा भटकना न पड़े। संजय टाईगर रिजर्व में समय-समय पर अन्य टाईगर रिजर्व क्षेत्र से लाकर छोड़ा जा रहा है। जिससे बाघों को पर्याप्त संख्या में शिकार के लिए वन्य जीव उपलब्ध रहे। दुबरी अभ्यारण्य में प्राकृतिक माहौल बाघों के पूरी तरह से अनुकूल है। यहां जगह-जगह कलकलाती नदियां एवं छोटे वन्य जीवों के रहवास क्षेत्र होने के कारण बाघ भी यहां अपना ठिकाना जमाए हुए हैं। दुबरी अभ्यारण्य में बाघों की संख्या जिस रफ्तार के साथ बढ़ रही है उसके चलते विभागीय अधिकारी काफी उत्साहित हैं। उनका कहना है कि आने वाले कुछ वर्षों में संजय टाईगर रिजर्व क्षेत्र अपने आकर्षक रूप में आ जाएगा और यहां वन्य जीवों का राज कायम हो जाएगा। जिसके लिए उनका प्रयास जारी है।

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बाघिन टी-18 के शावकों का भी किया था पालन-पोषण

बाघिन टी-28 दो साल पहले उस समय चर्चा में आई थी जब माल गाड़ी की टक्कर से घायल बाघिन टी-18 की मौत हो गई थी। उसके चार शावक अनाथ हो गए थे। शावकों में एक को बाघ टी-26 ने शिकार कर लिया था। इसके बाद संजय टाइगर रिजर्व प्रबंधन बाघिन टी-18 के अनाथ तीन शावकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित था। तब बाघिन टी-28 ने अपने तीन शावकों के साथ ही बाघिन टी-18 के तीन शावकों को भी साथ ले लिया और उनका पालन-पोषण करने लगी। एक वर्ष से अधिक समय तक बाघिन टी-28 अपने तीन शावकों के साथ ही बाघिन टी-18 के शावकों को लेकर विचरण करती थी।

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