नीमच। जिले के सिंगोली तहसील क्षेत्र के रतनगढ़ से 5 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम बधावा में ग्रामीण सूमेरसिंह,एवं लाखनसिंह राजपूत की सूचना पर एक अन्य ग्रामीण किसान के खेत पर विशालकाय मगर के आ जाने की सूचना मिलने पर जावद वन परिक्षेत्राधिकारी विपुल प्रभात करोरिया के दिशा निर्देश एवं कुशल मार्ग दर्शन मे डिप्टी रेंजर जुझारमल फूलैरिया के नेतृत्व मे वनकर्मियों के दल द्वारा स्थानीय ग्रामीणो की मदद से लगभग 3 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद विशाल काय मगर का रैस्क्यू कर उसे पकडक़र पूर्ण रुपेण स्वस्थ व जीवित अवस्था मे गांधी सागर मे ले जाकर छोडा गया।इस दौरान विशालकाय मगर के रेस्क्यू ऑपरेशन के पश्चात किसान सहित ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।विस्तृत जानकारी के अनुसार दिनांक 26 अप्रेल शुक्रवार को रतनगढ मे स्थित वन विभाग कार्यालय जावद पर ग्राम बधावा के जागरूक ग्रामीण सुमेरसिंह एवं लाखनसिंह राजपूत ने आकर किसान के खेत पर मगर के होने की सूचना दी।जिस पर विपूल प्रभात करौरिया वन परीक्षेत्र अधिकारी जावद के दिशा निर्देश एवं कुशल मार्गदर्शन मे ग्राम बधावा के राजस्व क्षेत्र की गुंजाली नदी के किनारे एक किसान के खेत पर मगर के आ जाने की सूचना मिलने पर वन विभाग के कर्मचारियों के दल द्वारा तुरंत वहां पर पहुंचकर ग्रामीणों की मदद से 3 घंटे से भी अधिक समय मे लगभग 10 फीट लंबे विशालकाय मगर का रेस्क्यू किया गया।एवं वन विभाग के उडनदस्ते (शासकीय वाहन) मे डालकर गांधीसागर में ले जाकर स्वस्थ एवं जीवित अवस्था में छोड़ा गया। रेस्क्यू किए गए विशाल काय मगरमच्छ की लंबाई लगभग 10 फीट एवं वजन लगभग 180 किलो वजनी बताया जा रहा है।वन विभाग द्वारा किए गए इस विशाल काय मगर की रेस्क्यू टीम में जावद वन परिक्षेत्र के वन विभाग के डिप्टी रेंजर जूझारमल फूलैरिया, वनकर्मी भंवरलाल धनगर, सुरक्षा श्रमिक लालूराम भील, वाहन चालक राहूल सोनी सहित स्थानीय ग्रामीण जसवंत गुर्जर, बंटी माली,शिवलाल गुर्जर, कालू माली, किशन गुर्जर, शैतान गुर्जर, लालचंद बंजारा, नंदलाल रैगर,कैलाश भील, रामचंद्र माली, प्रकाश गुर्जर, भवानीराम सहित रतनगढ के धर्मेंद्र टैलर, अनिल मीणा, कमलेश अग्रवाल आदि ग्रामीणों का पूरा योगदान रहा।