भोपाल, 21 फरवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 24 और 25 फरवरी को आयोजित होने वाले ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (जीआईएस) 2025 में जर्मनी “पार्टनर कंट्री’ के रूप में सहभागिता करेगा।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार समिट में जर्मनी के कॉन्सुल जनरल अचिम फेबिग, इंडो-जर्मन चैंबर ऑफ कॉमर्स और जर्मन इंडियन इनोवेशन कॉरिडोर के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने म्यूनिख (जर्मनी) के दौरे में वहाँ के सीआईआई और जर्मन इंडियन इनोवेशन कॉरिडोर–सेंट्रल इंडिया के समन्वय से जर्मन निवेशकों को मध्यप्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया था। इसी क्रम में जर्मनी की सहभागिता सुनिश्चित हुयी है।
सूत्रों का कहना है कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में “जर्मन पैवेलियन” स्थापित किया जाएगा। इसमें इंडो-जर्मन चैंबर ऑफ कॉमर्स के तत्वावधान में भारत-जर्मनी सहयोग के अवसरों का प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें मध्यप्रदेश सरकार और इंडो-जर्मन चैंबर ऑफ कॉमर्स एवं जीआईआईसी-सीआई के बीच एक एमओयू (समझौता ज्ञापन) हस्ताक्षरित किया जाएगा। यह समझौता मध्यप्रदेश में सतत और दीर्घकालिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए होगा, जिसमें जर्मन कंपनियाँ विभिन्न क्षेत्रों में विकास कार्यों में भागीदारी करेंगी।
मध्यप्रदेश में रासायनिक, फार्मा और हार्डवेयर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में पहले से कई जर्मन कंपनियाँ कार्यरत हैं। अब सूचना प्रौद्योगिकी, ग्लोबल स्किल डेवलपमेंट, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, डेयरी फार्मिंग, फूड प्रोसेसिंग, साइंस एंड टेक्नोलॉजी, डीप टेक्नोलॉजी और अक्षय ऊर्जा के क्षेत्रों में भी जर्मन कंपनियाँ निवेश करने की इच्छुक हैं।
इस समिट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 फरवरी को करेंगे। समापन अवसर पर अगले दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मौजूद रहेंगे।