55 दिनों के बाद जमानत मिलने पर जेल से बाहर आया बीईओ

आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल की घोर लापरवाही आई सामने , भ्रष्ट बीईओ के खिलाफ आरोप पत्र भी नही हुआ जारी

सिंगरौली : वित्तीय अनियमितता के आरोप में करीब 55 दिनों तक जेल में बन्द रहने वाले बीईओ को आखिरकार उच्च न्यायालय जबलपुर से जमानत मिल गई है। लेकिन करीब 55 दिनों तक जेल में रहने वाले बीईओ को आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय को न तो निलंबन आदेश और न ही आरोप पत्र जारी किया गया। इसको लेकर शिक्षा विभाग में ही अपने वरिष्ठ भोपाल में बैठे आकाओं पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं।

गौरतलब है कि न्यायालय द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश बैढ़न के द्वारा पिछले वर्ष 2 दिसम्बर को आर्थिक वित्तीय अनियमितता एवं भ्रष्टाचार में शामिल बैढ़न के बीईओ आरडी साकेत को सजा सुनाते हुये जेल भेज दिया गया था। जहां 29 जनवरी आरडी साकेत को उच्च न्यायालय से जमानत दे दी गई है। जमानत आदेश के तीसरे दिन 31 जनवरी को आरडी साकेत बीईओ दफ्तर पहुंच डीईओ सिंगरौली को पत्र लिखकर उपस्थित होने का सूचना दिया है। इधर सूत्र बताते हैं कि जिस वक्त बीईओ को जेल भेजा गया था। उसी समय डीईओ के द्वारा आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के यहां पत्राचार कर निलंबन किये जाने के लिए प्रस्ताव भेजा था। लेकिन 55 दिनों बाद भी भोपाल स्तर से घोटालेबाज बीईओ के खिलाफ निलंबन करना दूर आरोप पत्र भी जारी नही हुआ। ऐसे में भोपाल में बैठे शिक्षा विभाग के अधिकारियों के कार्यप्रणाली पर तरह-तरह के सवाल खड़ा होना लाजमी है।
सिविल सर्विस सेवा के क्या कहता है नियम?
जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील नियम 1966 के नियम 9 के सहायक नियम 2 (ख) के अनुसार यदि किसी शासकीय सेवक को कारावास में 48 घंटे से ज्यादा निरुद्ध किया जाता है तो वह स्वत निलंबित माना जाता है। किन्तु स्कूल शिक्षा विभाग भोपाल के कथित मठाधीशों की लापरवाही उक्त मामलों में स्पष्ट दिखी है की 2 दिसंबर 2024 को साकेत को भ्रष्टाचार के मामले में 7 साल का सश्रम कारावास एवं 55000 के आर्थिक दंड से दंडित किया गया था। श्री साकेत को विभाग द्वारा निलंबित नहीं किए जाने के कारण श्री साकेत 31 जनवरी को जमानत मिलने पर बिना सक्षम अधिकारी के आदेश के स्वयं विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय बैढ़न के पद पर उपस्थित होकर पत्र जारी कर वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र के माध्यम से सूचना दिए है। जबकि आरडी साकेत बीईओ बैढ़न के पद पर रहते हुए अतिथि शिक्षक मानदेय भुगतान एवं कार्यालय के स्थानीय मद में एवं चपरासियों के वर्दी हेतु पैसे का भुगतान कर दिए हैं जबकि चपरासियों को आज दिनांक तक वर्दी का वितरण नहीं किया गया और ना ही कार्यालय के कर्मचारियों को इसकी जानकारी है।

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