नयी दिल्ली 01 फरवरी (वार्ता) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025-26 के आम बजट को पेश करते हुये शनिवार को कहा कि यह केंद्रीय बजट विकास को गति देने और समावेशी विकास प्रदान करने के प्रयासों को जारी रखने वाला है।
वर्ष 2014 से नरेन्द्र मोदी सरकार के तहत लगातार 14वां बजट और अपना आठवां बजट पेश करते हुए श्रीमती सीतारमण ने कहा, “हम एक साथ मिलकर अधिक समृद्धि के लिए अपनी क्षमता को अनलॉक करने की यात्रा पर निकल पड़े हैं।” उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था सभी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ रही है।
उन्होंने कहा, “हमारी अर्थव्यवस्था सभी प्रमुख विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। पिछले 10 वर्षों के हमारे विकास ट्रैक रिकॉर्ड और संरचनात्मक सुधारों ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है। इस बजट में, प्रस्तावित विकास उपाय 10 व्यापक क्षेत्रों में फैले हुए हैं, जो गरीबों, युवाओं, अन्नदाता (किसान) और नारी (महिलाओं) पर ध्यान केंद्रित करते हैं, कृषि विकास और उत्पादकता को बढ़ावा देते हैं, ग्रामीण समृद्धि और लचीलापन बनाते हैं, और सभी को एक समावेशी विकास पथ पर साथ लेकर चलते हैं, विनिर्माण को बढ़ावा देते हैं और मेक इन इंडिया को आगे बढ़ाते हैं, एमएसएमई का समर्थन करते हैं, रोजगार आधारित विकास को सक्षम करते हैं, लोगों, अर्थव्यवस्था और नवाचार में निवेश करते हैं।”
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार तुअर, उड़द और मसूर पर विशेष ध्यान देने के साथ दालों में आत्मनिर्भरता के लिए छह साल का मिशन शुरू करेगी। नेफेड और एनसीसीएफ जैसी केंद्रीय एजेंसियां इन एजेंसियों के साथ पंजीकरण कराने वाले और समझौते करने वाले किसानों से अगले चार वर्षों के दौरान इन तीन दालों की उतनी ही खरीद करने के लिए तैयार रहेंगी।
उन्होंने कृषि क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना शुरू करने की घोषणा करते हुये कहा कि इसके साथ ही कृषि जिलों का विकास कार्यक्रम शुरू किया जायेगा जो आकांक्षी जिलों के कार्यक्रम की सफलता से प्रेरित होकर सरकार राज्यों के साथ साझेदारी में यह योजना शुरू करेगी। इस कार्यक्रम से 1.7 करोड़ किसानों को मदद मिलने की संभावना है।