भीषण गर्मी में तालाब का निकाल दिये पानी, मवेशियों के लिए खड़ा हो सकता है पानी पीने का संकट

० कलेक्टर के आदेश पर भारी पड़ रहा नगर परिषद मझौली का प्रशासन, एसडीएम से बिना अनुमति लिये प्रतिबंध के बाद भी तालाब गहरीकरण के लिए निकाला गया पानी

नवभारत न्यूज

सीधी/मझौली 22 अप्रैल। कलेक्टर के आदेश पर भारी पड़ते हुये नगर परिषद मझौली के प्रशासन द्वारा एसडीएम से बिना अनुमति लिये प्रतिबंध के बाद भी भीषण गर्मी में तालाब गहरीकरण के लिये पानी निकाल दिया गया। ऐसे में भीषण गर्मी में तालाब का पानी निकाल दिये जाने से मवेशियों के लिये पानी पीने का संकट खड़ा हो सकता है।

मालूम रहे कि सीधी कलेक्टर द्वारा आदेश क्रमांक/64/सामान्य/ एस.सी./कले./2024, दिनांक 8 अप्रैल 2024 को सीधी जिले को जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया गया है। आदेश में साफतौर पर कहा गया है कि सीधी जिले की प्रमुख नदियों, नालों एवं स्टाप डेम के प्रवाह में निरंतर कमी के फलस्वरूप जिले में पेयजल संकट की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना को देखते हुये पशुओं सहित जिले की आम जनता को पेयजल प्रदाय सुनिश्चित बनाये रखने के लिये म.प्र. पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 तथा म.प्र. पेयजल परिरक्षण (संशोधित) अधिनियम 2002 की धारा (3) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुये कलेक्टर द्वारा सम्पूर्ण सीधी जिले की राजस्व सीमा को 1 अप्रैल 2024 से 30 जून 2024 अथवा वर्षा प्रारंभ होने पर जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया गया है। उक्त अधिनियम की धारा 6(1) के तहत सक्षम अधिकारी की पूर्व लिखित अनुमति प्राप्त किये बगैर ट्यूबवेल उत्खनन, नदियों, नालों, स्टाप डेम से पेयजल को छोडक़र अन्य प्रयोजन हेतु पानी लेना प्रतिबंधित रहेगा। संबंधित अनुविभाग के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को सक्षम अधिकारी घोषित किया गया है। फिर भी इस भीषण गर्मी में नगर परिषद मझौली के प्रशासन द्वारा पूर्व में किये गये नये बस स्टैण्ड के समीप स्थित पुरैनिहा तालाब का गहरीकरण एवं सौन्दर्यीकरण के लिये कल जेसीबी मशीन से तालाब में बने टूवाल के हिस्से को तोडक़र पानी निकलवा दिया गया। यह कार्य ठेकेदार द्वारा किया गया है। उक्त तालाब के पानी के उपयोग समीपी अदिवासी बस्ती के लोगों के साथ ही मवेशी भी पानी पीने के लिये कर रहे थे। अब उनके समक्ष जल संकट की स्थिति निर्मित हो गई है।

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पंप से तालाब से पानी निकाल हो रहा निर्माण कार्य

सीधी जिले के जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित होने के बाद भी पुरैनिहा तालाब मझौली में पंप लगाकर पानी कुछ ठेकेदारों द्वारा निकाला जा रहा है। उक्त पानी का उपयोग सीएम राइस विद्यालय के भवन निर्माण एवं बाईपास मार्ग मझौली के निर्माण में बेरोक-टोक हो रहा है। ऐसे में स्पष्ट है कि नगर परिषद मझौली का प्रशासन भीषण गर्मी में जल संरक्षण को लेकर कतई गंभीर नहीं है।

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इनका कहना है

पुरैनिहा तालाब के गहरीकरण एवं सफाई के लिये पूर्व में टेण्डर हुआ था। संभवत: ठेकेदार द्वारा काम शुरू करने के लिये पानी निकलवाया गया होगा। तालाब का पानी पूरी तरह से प्रदूषित था। तालाब का काम पूरा होने पर यहां फिल्टर मशीन लगेगी जिससे आने वाले दिनों में शुद्ध पानी मिलेगा।

शंकरलाल गुप्ता, अध्यक्ष नगर परिषद मझौली

तालाब के कार्य के लिये पहले की टेण्डर हो चुका था। तालाब का पानी पूरी तरह से प्रदूषित था। फिर भी यहां से जो पानी निकाला जा रहा है उसको बगल के खेत में स्टाप करा रहे हैं।

अजय गुप्ता, सीएमओ नगर परिषद मझौली

हमारे यहां से नगर परिषद मझौली तालाब को तोडऩे के लिये कोई अनुमति नहीं दी गई है।

आर.पी.त्रिपाठी, एसडीएम मझौली

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