इस प्रकार की भी खबरें हैं कि जिला स्तर पर जिन्हे नाम घोषित करने की जिम्मेदारी दी गई उनमें से कई जिला पर्यवेक्षक बवाल के भय से ऐसा करने को राजी नहीं हैं अतः पार्टी आलाकमान को सूची जारी करने के निर्णय पर पुनर्विचार करना पड़ रहा है जिससे देरी हो रही है।उधर सूची जारी होने में देरी को लेकर कोई भी नेता कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है ऊपर जो कुछ बताया गया है वह पार्टी सूत्रों के आधार पर लिखा गया है लेकिन इतना अवश्य है कि पार्टी की इस घटनाक्रम को लेकर खासी किरकिरी हो रही है।
सबसे बड़ी बात तो यह है कि इस वजह से पार्टी ने चुनाव के लिए जो समय तय किया था उसमें वह पिछड़ गई है।उल्लेखनीय है कि तय समय सीमा के मुताबिक 31 दिसंबर तक रायशुमारी के बाद सभी जिलाध्यक्ष घोषित किए जाने थे लेकिन लगातार जारी खींचतान के चलते पार्टी ऐसा नहीं कर सकी है और इसमें पिछड़ गई है।