नगरपालिका ने जहां से दो बार हटाया अतिक्रमण, अब वह स्वयं लगवा रही गुमटियां

सिद्धेश्वर कॉलोनी में करीब 50 गुमटियां लगवाई, लाखों की राशि में हेरफेर की आशंका
नगरपालिका करवा रही मंदिर परिसरों में अतिक्रमण, सीएम हेल्पलाईन में होगी शिकायत

झाबुआ: शहर के मुख्य बाजार से जुडे सिद्धेश्वर कॉलोनी के प्रवेश मार्ग, जो अक्सर अस्थायी अतिक्रमण के कारण काफी सकरा रहता है। यहां अस्थायी ठेलगााड़ी एवं गुमटियां लगने से पैदल राहगीरों और वाहन चालकों को निकलने में परेशानी होने की शिकायत कई बार शहर के जागरूक नागरिकों द्वारा करने पर नगरपालिका प्रशासन ने दो बार यहां अतिक्रमण मुहीम चलाकर सख्ती से गुमटियां हटवाई। अब उसी स्थान पर नगरपालिका द्वारा यहां सौंदर्यीकरण एवं हाकर्स जोन बनाने की बात कहते हुए स्वयं अस्थायी गुमटियां लगाने की अनुमति देते हुए यहां करीब 50 से अधिक गुमटियां लगाई जा रही है, जिसने कई सवालियां निशान खडे कर दिये है। इस क्षेत्र की गतिविधियों पर नजर रखने वाले भाई लोगों के अनुसार गुमटी लगाने के लिए नपा द्वारा इन व्यवसाईयों से मोटी राशि लेने के साथ मासिक किराया भी लिया जाएगा।

जिससे भले ही नगरपालिका के राजस्व में वृद्धि हो, लेकिन कहीं ना कहीं यह गुमटियां सार्वजनिक नाले पर होकर अतिक्रमण को बढ़ावा देने के साथ भविष्य में इन गुमटी व्यवसाईयों द्वारा नाले के आगे भी अतिक्रमण कर व्यवसाय करने से यहां ट्रेफिक जाम की स्थिति निर्मित होने की संभावना से इंकार नही किया जा सकता है। इन गुमटियों को लेकर वार्ड पार्षद के साथ व्यवसाईयांे की नगरपालिका परिषद् के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से काफी समय से चर्चा चल रहंी थी। नगरपालिका प्रशासन ने दो बार यहां ट्रेफिक जाम होने की स्थिति के चलते सख्ती से अस्थायी ठेलगााडि़यों और गुमटियों को हटवाया था, लेकिन बाद हुई चर्चा में नगरपालिका और व्यवसाईयों के बीच गुमटी लगाने की सहमति बनने एवं स्वीकृति मिलने से अब व्यवसाईयों द्वारा नवीन गुमटियां तैयार बुलवाकर लगा दी गई है, जो कई सवालिया निशान खडे कर रहा है।
4 ट्रकों मंें आई 50 गुमटियां
24 एवं 25 दिसंबर की रात 4 ट्रकों में बाहर से करीब 50 गुमटियां बुलवाकर यहां रातो-रात सार्वजनिक नाले के ऊपर लगवा दी गई, फिर गुमटी की शटर और छत भी लगाकर पूरी गुमटी को तैयार कर दिया गया। 26 दिसंबर को गोटी सिस्टम के आधार पर गुमटी लगाने का निर्धारण भी व्यवसाईयों के मध्य हो चुका है। अब बड़ा प्रश्न यह है कि क्या सार्वजनिक नाले पर गुमटियां लगाई जा सकती है, क्या शासन के नियमानुसार यह सहीं है, जो नगरपालिका अतिक्रमण मुहीम चलाकर स्थायी एवं अस्थायी अतिक्रमण हटवाती है, स्वयं उस नगरपालिका की स्वीकृति एवं सहमति से व्यवसाईयों ने सार्वाजनिक नाले के ऊपर फर्शी पर गुमटियां तान दी है।
लाखों की राशि में हेरफेर की आशंका
इलाके में चल रहे इस कार्य पर नजर रखने वाले भाई लोगों के अनुसार एक व्यवसाई से 1 लाख 30 हजार रू. के मान से राशि ली गई है और यदि राशि नपा प्रशासन ने ली है, तो इसकी रसीद व्यवसाईयों को दी या नही। यह अभी स्पष्ट नही हो पाया है। बताते है कि एक गुमटी का मासिक किराया 1 हजार रू. के अनुसार तय करने की बात भी कहीं जा रहीं है। यदि एक व्यवसाई से 1 लाख 30 हजार रू. लिए है, तो 50 गुमटियों के हिसाब से करीब 65 लाख रू. की राशि होती है। इसमें कितनी राशि नगरपालिका के कोष में जमा हुई है, कितनी राशि गुमटी बनाने मंे लगी है, यह भी विचारणीय प्रश्न है… !, लाखों रू. की राशि मंें हेरफेर की आशंका भी भाई लोगों को नजर आती है।
नपा दे रही अतिक्रमण को बढावा, होगी शिकायत
शहर के लोग अब सवाल खडे कर रहे है कि पूर्व में व्यापारियों द्वारा लगाई गई घुमटिया अतिक्रमण की श्रेणी में थी, जिससे आवागमन भी बाधित होता था और जिस स्थान को नगरपालिका ने अतिक्रमण माना और उस अतिक्रमण को सख्ती से हटवाया जहां अब नगरपालिका स्वंय घुमटिया बनाकर आवंटित करेगी तो क्या वह अतिक्रमण की श्रेणी में नही आयेगा और क्या नगरपालिका द्वारा लगवाई गई इन घुमटियों से मार्ग का आवागमन बाधित नही होगा ? यह बात शहर के लोगों में चर्चा का विषय बनी हुई है। उनका कहना है कि मंदिर परिसरों से मध्यप्रदेश सरकार द्वारा अतिक्रमण हटवाया जा रहा है, जबकी झाबुआ शहर में खुद नगरपालिका अतिक्रमण को बढावा दे रही है। भाई लोगांें का कहना है कि गांधी छाप के चक्कर में अतिक्रमण को बढावा दिया जा रहा है, यदी मंदिर परिसरों से अतिक्रमण नही हटा तो सीएम हेल्पलाईन में भी इसकी शिकायत की जायेगी।
जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी झाड़ रहे पल्ला
इस मामले में नगरपालिका के जनप्रतिनिधि कह रहे है कि निर्धन व्यवसाईयों को रोजगार देने के दृष्टिगत नगरपालिका ने गुमटी लगाने की स्वीकृति दी है। निर्धन व्यवसाईयों को रोजगार मिलने के साथ मासिक किराये से नगरपालिका के राजस्व में भी वृद्धि होगी, लेकिन क्या इस तरह से स्वयं ही अतिक्रमण करवाकर राजस्व में बढ़ोत्तरी करना सहीं है..! उधर नपा के अधिकारी इसे हाकर्स जोन और सौंदर्यीकरण का नाम देकर गुमटी लगाई जाने की बात कहीं जा रहीं है। यहां यह भी देखना आवश्यक है कि एक व्यवसाई को एक गुमटी ही दी गई है, या पहले की तरह एक व्यवसायी द्वारा 2-3 गुमटियां राशि देकर लेने के साथ स्वयं एक गुमटी चलाने के साथ अन्य गुमटियां दूसरांे को किराये पर देकर भी चलाई तो नहीं जाती है, क्योकि पूर्व में यहां ऐसा ही मामाल सामने आया, जिसके कारण व्यवसाईयों में ही आपस में विवाद होने की घटनाएं भी सामने आई थी।
इनका कहना है
नपा द्वारा निर्धन व्यवसाईयों को रोजगार देने की दृष्टि से गुमटियां लगाने की स्वीकृति दी है। मासिक किराया आने से नपा के राजस्व में वृद्धि होगी। अतिक्रमण जैसी यहां कोई बात नहीं है।
– शैलेष बिट्टू सिंगार, अध्यक्ष प्रतिनिधि, नपा परिषद् झाबुआ
मैं इस संबंध में नगरपालिका सीएमओ से चर्चा कर मामले को दिखवाता हूं।
– भास्कर गाचले, एसडीएम, झाबुआ

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