सिविल जज भर्ती परीक्षा को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज

हाईकोर्ट ने सुरक्षित अपने फैसले को किया सार्वजनिक
जबलपुर:मप्र हाईकोर्ट ने सिविल जज भर्ती परीक्षा नियमों को चुनौती देने वाली 15 याचिकाएं खारिज कर दीं। चीफ जस्टिस रवि विजय मलीमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने कहा कि न्याय हित और जनहित में संशोधित नियम पूरी तरह उचित हैं। युगलपीठ ने सुरक्षित अपने फैसले को सार्वजनिक करते हुए उक्त निर्देश दिये है।
उल्लेखनीय है कि नरसिंहपुर की वर्षा पटेल व अन्य की ओर से याचिकाएं दायर कर मध्य प्रदेश सिविल जज (जूनियर डिवीजन) भर्ती नियमों की वैधानिकता को चुनौती दी गई थी।

संशोधित नियम के तहत एलएलबी परीक्षा में बिना एटीकेटी के 70 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण करना अथवा तीन वर्ष के वकालत के अनुभव के साथ सिविल जज परीक्षा के लिए पात्रता निर्धारित की गई है। साक्षात्कार में 50 अंको में से 20 अंकों अर्थात 40 फीसदी की अनिवार्यता है। हालांकि हाईकोर्ट की अनुशंसा पर राज्य सरकार ने 23 जून 2023 को संशोधन करके ओबीसी वर्ग के लिए सभी योग्यताएं अनारक्षित वर्ग के समतुल्य कर दी थीं। न्यायिक सेवा में ओबीसी को मात्र 14 फीसदी आरक्षण दिया गया है। इसके अलावा हाईकोर्ट ने किसी भी नियम की चुनौती को स्वीकार नहीं किया। जिसके बाद न्यायालय ने उक्त आदेश दिये।

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