सीईओ भूर सिंह रावत द्वारा ग्राम पंचायत कुटरी के सरपंच रामकुमार मिश्रा से ग्राम पंचायत में किए गए निर्माण कार्यों जिसमे बाउंड्री वाल के दो लाख के भुगतान के एवज में 10 प्रतिशत रिश्वत की मांग की गई थी,पीड़ित सरपंच द्वारा मामले की शिकायत कुछ दिनों पूर्व सागर लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक से की गई थी. जिस पर सागर लोकायुक्त की टीम ने जनपद पंचायत सीईओ को धर दबोचा.
लोकायुक्त कार्यवाही के बाद जिले से लेकर ग्राम पंचायत स्तर पर हड़कंप के हालत नजर आए.गौरतलब है कि सीईओ भूर सिंह रावत पटेरा जनपद के साथ-साथ हटा जनपद के अतिरिक्त प्रभार के रूप में भी कार्य देख रहे थे. बता दे कि ट्रेपकर्ता उप पुलिस अधीक्षक मंजू सिंह, दल सदस्यों में उप पुलिस अधीक्षक बीएम द्विवेदी,प्रधान आरक्षक महेश हजारी, आरक्षक सुरेंद्र सिंह, आरक्षक आशुतोष व्यास, आरक्षक राघवेंद्र सिंह, गोल्डी पासी व स्वतंत्र पंचसाक्षी रहे.
तत्काल कलेक्टर ने की कार्रवाई
दमोह कलेक्टर श्री कोचर ने आदेश जारी कर भूर सिंह रावत मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पटेरा को लोकायुक्त द्वारा ट्रैप करने की कार्रवाई किए जाने के कारण पटेरा को जिला पंचायत दमोह में संबद्ध किया जाता है.प्रशासनिक कार्य सुविधा की दृष्टि से शैलेंद्र बिहारी शर्मा तहसीलदार पटेरा को अपने कर के साथ-साथ मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पटेरा का प्रभार आगामी आदेश तक सौंपा जाता है.
इनका कहना है.
कुटरी सरपंच द्वारा शिकायत की गई थी, जिस पर कार्यवाही की गई और सीईओ को रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़ा है. धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण पंचीबद्ध करते हुए कार्यवाही जारी है.
डीएसपी मंजू सिंह लोकायुक्त सागर