नयी दिल्ली 11 मार्च (वार्ता) रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने सोमवार को देश में ही विकसित अग्नि-5 मिसाइल, मिशन दिव्यास्त्र का पहला सफल परीक्षण किया।
इसके साथ ही भारत ‘मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल’ (एमआईआरवी) तकनीक पर आधारित मिसाइल विकसित करने वाले दुनिया के चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि के लिए वैज्ञानिकों को बधाई दी है।
इस मिसाइल की सबसे बड़ी विशेषता है कि यह एक साथ अनेक स्थानों पर मुखास्त्र का इस्तेमाल कर सकती है।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि इस परियोजना में नारी शक्ति की बड़ी भूमिका है क्योंकि इसकी निदेशक एक महिला वैज्ञानिक है। यह प्रणाली स्वदेशी एवियोनिक्स प्रणालियों और उच्च क्षमता वाले सटीक सेंसर पैकेजों से सुसज्जित है। यह क्षमता भारत की बढ़ती तकनीकी शक्ति का प्रतीक है।
श्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि अग्नि – 5 मिसाइल के पहले सफल परीक्षण के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के वैज्ञानिकों पर गर्व है।
श्री सिंह ने भी कहा कि देश को इस असाधारण उपलब्धि के लिए वैज्ञानिकों पर गर्व है।