उद्योगपतियों से छत्तीसगढ़ सरकार को 15,184 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त

रायपुर/नयी दिल्ली 23 दिसंबर (वार्ता) छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नयी दिल्ली में सोमवार को आयोजित ‘इन्वेस्टर्स कनेक्ट मीट’ में देश के प्रमुख उद्योगपतियों और निवेशकों को राज्य में निवेश के लिए आमंत्रित किया। कार्यक्रम में शामिल हुए प्रमुख उद्योगपतियों से छत्तीसगढ़ सरकार को 15,184 करोड़ के निवेश प्रस्ताव भी प्राप्त हुए।

श्री साय ने राज्य की नई औद्योगिक नीति 2024-30 की खूबियों को साझा करते हुए इसे निवेशकों के लिए बेहद अनुकूल बताया।

श्री साय ने निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ निवेश के लिए असीम संभावनाओं वाला राज्य है। हमारी नई औद्योगिक नीति उद्योगों को कर, भूमि और बिजली में छूट के साथ-साथ सिंगल-विंडो क्लीयरेंस जैसी सुविधाएं देती है। यह नीति न केवल उद्योगों की स्थापना, बल्कि रोजगार सृजन पर भी जोर देती है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, ऊर्जा, खनन, और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं। नई औद्योगिक नीति में विशेष सब्सिडी और प्रोत्साहन पैकेज शामिल हैं। डिजिटल सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 से सभी स्वीकृतियां और लाइसेंस प्राप्त करना आसान हो गया है। उद्योग विभाग द्वारा सब्सिडी जारी करने के लिए अधिकतम तीन स्तर और अधिकतम सात दिनों की समय सीमा सुनिश्चित की गई है।

श्री साय ने कहा कि उद्योग स्थापित करने हेतु भूमि उपलब्ध कराने के लिए, न्यूनतम सरकार की अवधारणा के तहत निजी औद्योगिक पार्क को 30 प्रतिशत सब्सिडी देकर प्रोत्साहित किया जा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ, उद्योगों के लिए रेडी और विकसित प्लॉट आवेदन के 60 दिनों के भीतर सुनिश्चित कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि हम यह सुनिश्चित कर रहे कि उद्योग स्थापना एवं संचालन में सरकारी हस्तक्षेप न्यूनतम हो एवं यथासंभव सेल्फ सर्टिफिकेशन अथवा ऑनलाइन माध्यम से हो ताकि उद्योग हेतु आपको सरकार के पास आने की आवश्यकता ना हो।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने निवेशकों के सवालों का जवाब देते हुए भरोसा दिलाया कि छत्तीसगढ़ सरकार हर कदम पर उनके साथ खड़ी रहेगी। उन्होंने राज्य में उपलब्ध बेहतर बुनियादी ढांचे, कुशल मानव संसाधन और शांतिपूर्ण माहौल के बारे में विस्तार से बताया।

कार्यक्रम में उपस्थित उद्योगपतियों द्वारा छत्तीसगढ़ की पहल की सराहना करते हुए निवेश की संभावनाओं पर सकारात्मक चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया कि यह इन्वेस्टर मीट छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।

इस अवसर पर उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, सचिव राहुल भगत और नयी दिल्ली में छत्तीसगढ़ की इन्वेस्टमेंट कमिश्नर ऋतु सेन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। इन अधिकारियों ने नई औद्योगिक नीति की खासियतों को समझाते हुए निवेशकों को छत्तीसगढ़ में उद्योग स्थापित करने के लाभ बताए।

उद्योग विभाग के सचिव रजत कुमार ने उद्योगपतियों से चर्चा करते हुए बताया कि खनिज संपदा और खानों के लिए प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ अब तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के विनिर्माण का एक प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है। राज्य अपने औद्योगिक आधार को विविधतापूर्ण बनाते हुए फार्मास्यूटिकल्स, ट्रेन शेल, टेलीविज़न और प्रकाश उपकरणों जैसे विविध उत्पादों के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

बस्तर क्षेत्र में निवेश पर विशेष प्रोत्साहन : श्री साय ने बताया कि बस्तर में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कोर सेक्टर की स्टील इकाइयों और अन्य उद्योगों को बड़ी राहत दी गई है। लौह अयस्क पर 50 प्रतिशत और कोयले पर 100 फीसदी रॉयल्टी की छूट का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही, उद्योगों द्वारा चुकाए गए रॉयल्टी और राज्य को मिलने वाले सेस की प्रतिपूर्ति 15 वर्षों तक की जाएगी। इसके अलावा, ग्राम नियानार में 118 एकड़ भूमि पर एक नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा रहा है।

आईआईएम के छात्र नियुक्त होंगे इन्वेस्टमेंट मैनेजर: मुख्यमंत्री ने बताया कि उद्योगपतियों को राज्य सरकार द्वारा विशेष सहूलियतें दी जा रही हैं। इसके लिए आईआईएम रायपुर के साथ एमओयू (समझौता) करके वहां के पास आउट छात्रों को मुख्यमंत्री औद्योगिक इंटर्नशिप के तहत इन्वेस्टमेंट मैनेजर के रूप में नियुक्त किया जा रहा है, जो घर बैठे प्रक्रियाओं को सुगम बनाएंगे।

आधुनिक तकनीकों में निवेश को प्राथमिकता :श्री साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति में कई नए और आधुनिक तकनीकों का ध्यान रखा गया है जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), रोबोटिक्स, ग्रीन हाईड्रोजन और डेटा सेंटर। इसके अलावा, आईटी, फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्र भी खास होंगे। इन क्षेत्रों में उद्योगों को 30 से 50 प्रतिशत तक सहायता मिलेगी। इसके अलावा कंपनियों को अपना काम शुरू करने के लिए 5 से 12 साल तक करों में छूट दी जाएगी, जिससे वे आसानी से अपना काम शुरू कर सकें।

देश के शीर्ष उद्योगपतियों ने छत्तीसगढ़ में निवेश की जताई इच्छा : कार्यक्रम में पॉलीमेटेक इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के एमडी ईश्वर नंदन ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में 1134 करोड़ निवेश का प्रस्ताव रखा जिससे 100 से अधिक रोजगार सृजित होंगे।

वहीं टेलीपरफॉर्मेंस के सीओओ आशीष जौहरी ने 300 करोड़ का निवेश कर बैक ऑफिस केंद्र स्थापित करने की योजना साझा की।

माइक्रोमैक्स के राजेश अग्रवाल ने सौर सेल निर्माण में 100 करोड़ निवेश का प्रस्ताव दिया। वरुण बेवरेजेज के सीईओ कमलेश जैन ने पेप्सिको बॉटलिंग प्लांट में 250 करोड़ निवेश की इच्छा जताई।

टीडब्ल्यूआई ग्रुप के पुरुषोत्तम और उत्तम सिंघल ने 1650 करोड़ के निवेश का सुझाव दिया, जिससे 1000 रोजगार अवसर सृजित होंगे।

पैरामाउंट कम्युनिकेशंस के प्रवीण गुप्ता द्वारा 250 करोड़ निवेश और 1000 नौकरियों की योजना साझा की गई।

रिन्यू पावर लिमिटेड के सुमंत सिन्हा ने पंप स्टोरेज और ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं में 11,500 करोड़ निवेश की योजना साझा की।

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