जयपुर में गैस टैंकर में आग लगने से सात लोगों की मौत, 35 झुलसे

जयपुर 20 दिसंबर (वार्ता) राजस्थान की राजधानी जयपुर में अजमेर-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर शुक्रवार सुबह एक गैस टैंकर में आग लगने के बाद उसके फैल जाने से सात लोगों की मौत हो गई और 35 लोग झुलस गये।

अजमेर रोड स्थित भांकरोटा के पास एक पेट्रोल पंप के समीप एक एलपीजी गैस से भरे टैंकर में अचानक भीषण आग लग गई और धमाका भी हुआ। इस दौरान आस पास के कई वाहन भी आग की चपेट में आ गये। मौके पर अफरातफरी मच गई और क्षेत्र में दहशत फैल गई।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार हादसे में झुलसे लोगों को इलाज के लिए सवाई मानसिंह अस्पताल में लाया गया। इनमें सात लोगों की मौत हो गई और 35 घायलों का इलाज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि घायलों में कई लोग गंभीर रुप से झुलसे हुए हैं। हादसे का पता चलते ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा एसएमएस अस्पताल पहुंचे और घायलों की कुशलक्षेम पूछी और उनके बेहतर इलाज के निर्देश दिए। उन्होंने अस्पताल के अधिकारियों को निर्देश दिए कि घायलों के इलाज में किसी भी प्रकार की कोताही नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने घायलों को तुरंत सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए। इसके बाद मुख्यमंत्री घटनास्थल पर पहुंचे जहां जयपुर पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसफ ने घटना और हादसे के बाद बनी स्थिति के बारे में जानकारी दी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी हादसे से गहरा दुख प्रकट किया और हादसे के प्रत्येक मृतक के आश्रितों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो लाख रुपए की सहायता देने एवं घायलों को 50 हजार रुपए की सहायता देने की घोषणा की। राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े ने भी घटना पर गहरा शोक जताया हैं। श्री बागडे ने ईश्वर से दिवंगत आत्माओं को शांति एवं शाेक संतप्त परिजनों को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की। उन्होंने हादसे में घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने अस्पताल पहुंचकर घायलों का बेहतर इलाज एवं माकूल व्यवस्था के निर्देश दिए। कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया गया है। आग में झुलसने से अति गंभीर व्यक्तियों की पहचान एवं परिजनों की सहायता के लिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग से भी एक टीम नियोजित की गई है, जो आधार नंबर, थंब इंप्रेशन एवं अन्य सूचनाओं के आधार पर सहायता उपलब्ध करवा रही है।

श्री खींवसर ने बताया कि मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के निर्देशानुसार घायलों के त्वरित उपचार और बेहतर चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। यह समय अत्यंत कठिन है लेकिन विभाग पूरी संवेदना और प्रतिबद्धता के साथ संतप्त परिवारों के साथ खड़ा है। इस दौरान चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीष कुमार एवं पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद थे।

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