नयी दिल्ली, 13 दिसंबर (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राजधानी में शनिवार से मुख्य सचिवों के चौथे वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे जो दो दिन चलेगा जिसमें उद्यमिता और कौशल, कृषि एवं ग्रामीण विकास के मुद्दों, रोजगार सृजन एवं स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र के विकास जैसे अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जाएगी।
प्रधानमंत्री कार्यालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार यह सम्मेलन केंद्र और राज्य सरकारों के बीच साझेदारी को और बढ़ावा देने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। इसे सहकारी संघवाद को मजबूत करने और तेजी से विकास और विकास प्राप्त करने के लिए केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के प्रधानमंत्री के अनुसार आयोजित किया जाता है।
इस सम्मेलन में उद्यमिता, कौशल विकास और ग्रामीण और शहरी दोनों आबादी के लिए स्थायी रोजगार के अवसर के संवर्धन, भारत की विशाल युवा आबादी का लाभ उठाने के उपायों पर चर्चा होगी। इन व्यापक मुद्दों के अंतर्गत छह क्षेत्रों – विनिर्माण, सेवा, ग्रामीण गैर-कृषि, शहरी, नवीकरणीय ऊर्जा और परिपत्र अर्थव्यवस्था को विस्तृत चर्चा के लिए चुना गया है।
इन दो दिनों में विकसित भारत के लिए नयी से नयी टेक्नोलॉजी, आर्थिक विकास केंद्रों के रूप में शहरों का विकास, निवेश के लिए राज्यों में आर्थिक सुधार और मिशन कर्मयोगी के माध्यम से क्षमता निर्माण पर चार विशेष सत्र भी आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा, भोजन पर कृषि में आत्मनिर्भरता, खाद्य तेल और दालें, वृद्ध आबादी के लिए देखभाल अर्थव्यवस्था, पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना कार्यान्वयन और भारतीय ज्ञान परंपरा पर केंद्रित विचार-विमर्श किया जाएगा।
विज्ञप्ति के अनुसार सम्मेलन में प्रत्येक विषय के अंतर्गत राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों की सर्वोत्तम प्रथाओं को भी प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि राज्यों में पारस्परिक शिक्षा को प्रोत्साहित किया जा सके। सम्मेलन में मुख्य सचिव, सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के वरिष्ठ अधिकारी, डोमेन विशेषज्ञ तथा अन्य उपस्थित रहेंगे।