चूहा-बिल्ली, छछूंदर और घोड़ा भी काट रहे लोगों को

रोजाना अस्पताल पहुंच रहे 25 से 30 घायल
शहर के मध्य होने से लाल अस्पताल में लग रही भीड़
धर्मेन्द्र चौहान
इंदौर: शहर में नागरिकों के लिए अब सड़कों के साथ घर भी असुरक्षित होते जा रहे हैं. जहां सड़कों पर आवारा कुत्तों का आतंक है, वहीं घरों में चूहा, बिल्ली और छछूंदर जैसे जानवरों से शहरवासी भयभीत है. इतना ही नहीं घोड़े, बंदर और सियार जैसे जानवर भी इंसानों को नुकसान पहुंचाने में पीछे नहीं हैं. इनके काटने से घायल हो रहे रोजना 25 से 30 मरीज लाल अस्पताल में आ रहे है.शहर के मध्य लाल अस्पताल के नाम से प्रसिद्ध हुकमचंद पॉलीक्लिनिक में रैबिज का वैक्सिन लगवाने वाले 350 से 400 मरीज आ रहे हैं. इनमें से चूहा-बिल्ली, छछूंदर के साथ ही गाय-भैंस, घोड़ा, बंदर, सियार और लोमड़ी जैसे जानवर भी इंसानों को काटने में पीछे नहीं है.

इनके काटे 25 से 30 मरीज रोजाना यहां पर वैक्सीनेशन के लिए आ रहे हैं. इसके अलावा कुछ लोग ग्रामीण हिस्सों से भी यहां टीकाकरण के लिए आते है. वैसे तो स्वास्थ्य विभाग ने इंदौर जिले में रैबिज वैक्सिनेशन के लिए 26 केन्द्र खोले हैं. मगर शहर के मध्य होने से यहां पर सबसे ज्यादा मरीज आते हैं. डॉक्टर आशुतोष शर्मा ने नवभारत को बताया कि शहर में चूहा, बिल्ली और छछूंदर के काटने के मामले आम हैं, जबकि सियार और लोमड़ी के मामले अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों से आ रहे हैं. शहर में ऐसे जानवरों की बढ़ती संख्या का एक कारण स्वच्छता में आ रही कमी भी माना जा रहा है.

अलग-अलग बीमारियों का इलाज भी
हुकमचंद पॉलीक्लिनिक में अलग-अलग बीमारियों के इलाज के लिए भी मरीज पहुंचते हैं. अस्पताल में रैबिज के इंजेक्शन के अलावा डायलिसिस, आंखों के ऑपरेशन, विकलांगता चिकित्सा और मातृ-शिशु टीकाकरण जैसी सुविधाएं के साथ ही यहां पर मेडिकल बोर्ड भी बैठता है.

स्वच्छता के साथ सतर्कता भी बरतना होगी
जानवरों के द्वारा इंसानों को काटने की घटनाओं में वृद्धि चिंता का विषय है. इससे बचने के लिए लोगों को स्वच्छता के साथ ही सतर्कता भी बरतना होगी. रैबिज जैसी घातक बीमारियों से बचने के लिए समय पर टीकाकरण बेहद जरुरी है.
– डॉ. आशुतोष शर्मा, प्रभारी हुकमचंद पॉलीक्लिनिक

पैर का अंगूठा ही कुतर दिया
परदेशीपुरा क्षेत्र में रहने वाली काजल बोखरे ने बताया कि बुधवार की रात में खाना बना रही थी, उसी दौरान किचन के प्लेटफार्म के नीचे चूहे ने मैरा पैर इस तरह से कुतरा की मुझे कुछ पता ही नहीं चला. थोड़ी देर बाद पूरा पैर सुन्न पड़ गया. पास ही एक क्लिनीक पर जाकर डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने बताया कि चुहा काटा है, लाल अस्पताल जाकर इंजेक्शन लगवा लेना.
– काजल बोखरे, गृहणी

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