नवभारत की खबर का असर
मयूर वन में 7 करोड़ खर्च करने के बाद पता चला जमीन यूनिवर्सिटी की!
महापौर मुकेश टटवाल और आयुक्त आशीष पाठक ने किया दौरा
उज्जैन: मिट्टी में मिल रहा 7 करोड़ का धन… सफेद हाथी बना मयूर वन… इस शीर्षक के माध्यम से नव भारत द्वारा प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया गया था, इसके बाद नगर निगम आयुक्त आशीष पाठक से लेकर महापौर मुकेश टटवाल ताबड़तोड़ विक्रम वाटिका पहुंचे जिसे मयूर वन का नाम दिया गया है.नवभारत की खबर पर महापौर मुकेश टटवाल ने संज्ञान लिया और आयुक्त आशीष पाठक को लेकर बुधवार की शाम विक्रम वाटिका पहुंचे, यहां पर स्मार्ट सिटी ने 7 करोड रुपए खर्च कर दिए हैं और तमाम तरह के निर्माण कार्य कराए हैं. ये सौगात परेशानी का सबब बन गई है, इसका लाभ शहरवासियों को नहीं मिल पा रहा है इस पर महापौर ने चिंता जाहिर की.
जमीन विक्रम यूनिवर्सिटी की, उम्मीद नगर निगम से
नवभारत से चर्चा में मुकेश टटवाल ने बताया कि यह जमीन विक्रम वाटिका के मालिकाना हक की है. स्मार्ट सिटी ने यहां पर लगभग 7 करोड़ रुपए खर्च कर दिए है. अब नगर निगम से उम्मीद है कि हम इसका संचालन करें, हम इसे किसी को ठेके पर भी नहीं दे सकते हैं क्योंकि जमीन हमारी नहीं है हम अभी इसका शुल्क भी नहीं ले सकते हैं.
15 दिन में निराकरण के आदेश
महापौर टटवाल ने बताया कि निर्माण कार्य तो अभी अधूरा है, बावजूद इसके इस सौगात का लाभ यहां पर घूमने आने वालों को मिलना चाहिए. हम इसका संचालन करने को तैयार है. 15 दिन में निराकरण के आदेश भी दिए हैं कि यहां पर व्यवस्था दुरुस्त कर दी जाए. स्मार्ट सिटी सीईओ संदीप शिवा से लेकर नगर निगम आयुक्त आशीष पाठक को निर्देशित किया गया है.
आमजनों के लिए खोलने को कहा
नवभारत से चर्चा में महापौर मुकेश टटवाल ने कहा कि यहां पर रंगाई पुताई लाइट को चालू करवाना, साफ सफाई करना और जितनी भी समस्या है उनका समाधान करके आमजनों के लिए इसे खोलने के लिए मैंने अधिकारियों को कह दिया है. हालांकि जमीन दूसरे विभाग की है, फिर भी नगर निगम से लोगों को उम्मीद है इसलिए आज मैं जनहित के मुद्दे पर वाटिका के इस मयूर वन में आया हूं.