नयी दिल्ली,19 नवंबर (वार्ता) केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि अगले 10 वर्षों में भारत की आपराधिक न्यायिक प्रणाली दुनिया में सबसे आधुनिक, वैज्ञानिक और तेज गति वाली होगी।
श्री शाह ने गुजरात के गांधीनगर में 50वें अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान सम्मेलन के स्वर्ण जयंती समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया।
गृह मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस के बिना पुलिसिंग और सुरक्षा व्यवस्था को प्रासंगिक रखना संभव ही नहीं है। पुलिस विज्ञान कांग्रेस, अपराध के खिलाफ लड़ाई के हमारे पूरे तंत्र को प्रासंगिक रखने के लिए है। श्री शाह ने कहा,“ हमें नए सिरे से इसके स्वरूप, सहभागिता, इनपुट्स लेने की पद्धति, अनुसंधान और विकास को पुलिस स्टेशन से नीचे बीट कॉंस्टेबल तक पहुंचाने की व्यवस्था करने की ज़रूरत है।” उन्होंने कहा कि इस पर समग्रता से विचार करने का समय आ गया है।
श्री शाह ने कहा कि कोई भी पद्धति 50 साल तक चलती है तो वह अप्रासंगिक हो जाती है। पिछले कई दशकों में देश, दुनिया, अपराध जगत और पुलिसिंग में बहुत सारे परिवर्तन आए हैं लेकिन क्या इनके अनुरूप पुलिस विज्ञान कांग्रेस का स्वरूप बदला है? उन्होंने, “पुलिस विज्ञान कांग्रेस की कार्यपद्धति, उद्देश्य़ों और निर्णयों पर अमल में जो समयानुकूल परिवर्तन होना चाहिए, उसमें हम कहीं न कहीं पीछे हैं। आने वाले समय की चुनौतियों को समझे बिना हमारी योजना कभी सफल नहीं हो सकती।”
गृह मंत्री ने कहा,“ पिछले 10 वर्षों में भारत विश्व का हर क्षेत्र में नेतृत्व करने के लिए आगे बढ़ा है और इसके कारण हमारी चुनौतियां और बढ़ गई हैं।भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की 11वें से पांचवे नंबर की अर्थव्यवस्था बन गई है और वर्ष 2028 से पहले हम विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे।भारत की आंतरिक सुरक्षा और आपराधिक न्याय प्रणाली में बहुत क्रांतिकारी बदलाव हुआ है।”
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इस सम्मेलन के दौरान आठ सत्रों में – नए आपराधिक कानून, फॉरेंसिक विज्ञान का उपय़ोग, आपदा प्रबंधन, ब्लॉक चेन तकनीक का उपयोग, साइबर धोखाधड़ी, स्मार्ट सिटी में पुलिसिंग, आदिवासी क्षेत्रों में सामुदायिक पुलिसिंग और जेलों में कट्टरवाद से निपटने के उपायों – पर चर्चा होगी। अगले 10 वर्षों में भारत का आपराधिक न्याय प्रणाली दुनिया में सबसे आधुनिक, वैज्ञानिक और तेज होगी। उन्होंने कहा कि तीन नए आपराधिक कानूनों पर पूरी तरह अमल होने के बाद किसी भी मामले में सुप्रीम कोर्ट तक तीन वर्ष में न्याय मिल जाएगा।
श्री शाह ने कहा कि दशकों से कश्मीर, उत्तरपूर्व और नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्र अशांत माने जाते थे लेकिन मोदी सरकार ने सुरक्षा स्थिति को सशक्त कर इन क्षेत्रों की स्थिति में बहुत सुधार किया है। उन्होंने कहा,“विगत 10 साल में हम इससे पहले के 10 साल की तुलना में हिंसा में लगभग 70 प्रतिशत की कमी लाने में सफल रहे हैं। मोदी सरकार के पिछले 10 साल में 35,000 करोड़ रूपए मूल्य के 5,45,000 किलोग्राम नार्कोटिक्स को ज़ब्त करने में सफलता प्राप्त हुई है जो इससे पहले के 10 वर्षों से छह गुना ज़्यादा है। इसका अर्थ है कि इन 10 साल में हमने ज़ब्ती की प्रक्रिया को वैज्ञानिक तरीके से बदला है और इसमें सफलता भी हासिल की है।”
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पुलिस विज्ञान कांग्रेस की जिम्मेदारी है कि वह अलग-अलग डेटा को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कर सम्मिलित रूप से उपयोग योग्य बनाने की दिशा में प्रयास करे। उन्होंने कहा,“ इस डेटा के उपयोग से जो परिणाम आएंगे उनका हमारी पुलिस व्यवस्था में विश्लेषण करने के लिए एक प्लेटफार्म बनाया जा सकता है। इस विश्लेषण के बाद अपराधों को रोकने के लिए जांच और त्वरित न्याय के लिए न्यायिक प्रणाली में बदलाव कर सकते हैं।” श्री शाह ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया का लाभ तभी होगा जब पुलिस विज्ञान कांग्रेस इस तरह के मुद्दों को चुनौती के रूप में स्वीकार करे। इसके लिए बड़ी संख्या में हैकाथॉन आयोजित होनी चाहिए। साथ ही समस्याओं के निवारण के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विशेषज्ञों के साथ मिलकर अलग-अलग एकत्रित डेटा का विश्लेषण कर व्यवस्था सुधारने में उपयोग किया जाना चाहिए।
श्री शाह ने कहा कि आने वाले दिनों में भारत सहित पूरी दुनिया के सामने कई चुनौतियां हैं जिनका भारत में हल ढूंढने के प्रयास किया जाना चाहिए। गृह मंत्री ने कहा कि पांच क्षेत्र ऐसे हैं जिनमें कानून प्रवर्तन एजेंसियों को अपराध करने वालों से दो कदम आगे रहना चाहिए। इनमें साइबर अपराध, तकनीक का उपयोग कर घुसपैठ को रोकना और सीमाओं की सुरक्षा करना, ड्रोन के अवैध उपयोग को रोकना, नारकोटिक्स की जांच और जागरूकता में आधुनिक टेक्नोलॉजी का अधिकतम उपयोग करना और डार्क नेट के दुरुपयोग की रोकथाम और इसका समाधान ढूंढना शामिल है। श्री शाह ने कहा कि पुलिस विज्ञान कांग्रेस को इन पांच क्षेत्रों में शोध और अनुसंधान के क्षेत्र में क्षमतावान लोगों के साथ मिलकर आगे बढ़ना चाहिए।
इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, केन्द्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन और पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के महानिदेशक राजीव कुमार शर्मा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।