जबलपुर/ 19 नवंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश आने वाले समय में विज्ञान प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी और इन क्षेत्रों से जुड़ी सेवाओं का नया हब बनकर देश में उभरेगा।
डॉ यादव आज जबलपुर में चार दिवसीय महाकौशल विज्ञान मेला और आरोग्य एक्सपो-2024 के समापन समारोह को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र भ्रमण पर रहते हुए जबलपुर के आयोजन के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में फार्मिंग से लेकर फायनेंस तक, मैन्यूफैक्चरिंग से लेकर मेडिसिन तक, एजुकेशन से लेकर कम्यूनिकेशन तक विज्ञान का उपयोग किया जा रहा है। देश की टेक्नोलॉजी में मध्यप्रदेश महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन के माध्यम से जन-कल्याण पर जोर दिया जा रहा है इसके लिए राज्य सरकार के विभागों में डिजिटलाइज्ड प्रणाली संचालित है। अनेक नवाचार भी हुए हैं। मध्यप्रदेश में आईटी और आईटीईएस क्षेत्र में निवेश भी बढ़ रहा है। मध्यप्रदेश विज्ञान परिषद विद्यार्थियों को स्टार्टअप और इनोवेशन के लिए मंच प्रदान कर रही है। सेटैलाइट इमेजरी एवं भौगोलिक सूचना प्रणाली के उपयोग से जन-कल्याण के कई कार्य हो रहे हैं। किसानों के खसरे, नामांकन, बटांकन आदि के कार्य और दस्तावेज पंजीयन साइबर तहसील के माध्यम से हो रहे हैं।
डॉ यादव ने कहा कि प्रदेश में साइबर सुरक्षा को प्रभावी बनाने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत मध्यप्रदेश कम्प्यूटर एमरजेंसी रिस्पांस टीम(एमपी-सीईआरटी) का गठन किया गया है। सभी शासकीय विभाग मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी का पंजीकरण करवा चुके हैं। इस तरह के 105 अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में जहां जबलपुर में 17 करोड़ से अधिक लागत से साइंस सेंटर की पहल हुई है वहीं उज्जैन में 230 करोड़ लागत से साइंस सिटी का निर्माण हो रहा है।
उन्होंने कहा कि आईआईटी जैसी संस्थाओं के विशेषज्ञ मार्गदर्शन देंगे। वर्ष 2013 में प्रथम तारामंडल प्रारंभ हुआ था जिसे अपग्रेड किया गया है। अत्याधुनिक थ्रीडी 4के तकनीक से विकसित नई व्यवस्था में इस वर्ष 400 सफल शो किए जा चुके हैं। इसी तरह अत्याधुनिक प्लेटोरियम, स्पेस टेक्नोलॉजी, ड्रोन के उपयोग और नल-जल योजनाओं से लेकर सम्पत्ति की प्रक्रिया में नई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल हो रहा है। उज्जैन के डोंगला स्थित अंतर्राष्ट्रीय स्तर की वेधशाला के निर्माण से एस्ट्रोनामी के क्षेत्र में मध्यप्रदेश को नई पहचान मिली है।
डॉ यादव ने कहा कि भारत साइकिल और बैलगाड़ी से प्रारंभ हुई अपनी अंतरिक्ष यात्रा को चंद्रमा, मंगल और सूर्य की तरफ बढ़ा चुका है। प्रधानमंत्री श्री मोदी जैसे सक्षम नेता वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाने में साथ हों तो सफलता मिल ही जाती है। प्रधानमंत्री ने अनुसंधान के मार्ग को प्रशस्त किया है। आज इसरो ने भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र की प्रगति से दुनिया को परिचित करवा दिया है। एक महाशक्ति के रूप में भारत अपनी पहचान बना रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री ने जय-जवान- जय किसान का नारा दिया। भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने जय विज्ञान का नारा दिया। वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जय अनुसंधान के मूल मंत्र पर जोर दिया है। एक समय था जब अनुसंधान को महत्वपूर्ण नहीं माना जाता था। प्रत्येक अनुसंधान कार्य सफल हो, यह आवश्यक नहीं लेकिन प्रधानमंत्री श्री मोदी ने वैज्ञानिकों के मनोबल को बढ़ाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा वर्तमान में समय की गणना ग्रीनविच से हो रही है। डोंगला स्थित वेधशाला से शुद्ध समय की गणना संभव होगी। उज्जैन में वैदिक घड़ी की स्थापना की गई है। आने वाले समय में इस तरह के कई टास्क मध्यप्रदेश द्वारा लिए जाएंगे। प्रदेश में नव वैज्ञानिकों के सम्मेलन भी किए जाएंगे।
डॉ यादव ने कहा कि जबलपुर की धरती नवाचारों के लिए जानी जाती है। यहाँ वीरांगना दुर्गावती की स्मृतियां भी जुड़ी हैं। मुख्यमंत्री ने जबलपुर में विज्ञान प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महाकौशल विज्ञान मेले के माध्यम से इस सार्थक आयोजन से जुड़े सभी व्यक्तियों को बधाई दी और उनका अभिवादन किया। समापन समारोह में लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह, सांसद आशीष दुबे, महापौर जगत बहादुर सिंह, मध्यप्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी परिषद के अध्यक्ष अनिल कोठारी, महाकौशल विज्ञान परिषद के अध्यक्ष एस.पी. गौतम सहित परिषद के पदाधिकारीगण उपस्थित रहे। एक्सपो स्थल पर विज्ञान एवं नवाचारों संबंधी प्रदर्शनी में विभिन्न स्टाल लगाए गये। अतिथियों द्वारा उन्हें पुरस्कृत किया गया।