सतना 18 नवम्बर /सतना जिले में बाल कल्याण एवं संरक्षण की दिशा में 187 बच्चों को दत्तक गृहण कराया गया है। इसी तरह माता-पिता विहीन 409 बच्चों को उनके अभिभावकों के माध्यम से पालन-पोषण के लिए 4 हजार रूपये मासिक राशि की सहायता दी जा रही है। इस आशय की जानकारी अपर कलेक्टर स्वप्निल वानखडे की अध्यक्षता में संपन्न जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की बैठक में दी गई। इस मौके पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एलके तिवारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी सौरभ सिंह, जिला संयोजक कमलेश्वर सिंह, जिला योजना अधिकारी आरके कछवाह, जिला खेल अधिकारी एसपी तिवारी भी उपस्थित थे।
किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) संशोधित अधिनियम 2021 के प्रावधानों के तहत जिला स्तर पर मिशन वात्सल्य योजनांतर्गत बाल संरक्षण सेवाओं का मूल्यांकन, समीक्षा एवं प्रोत्साहन के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति का गठन किया गया है। यह समिति जिले में संचालित समस्त बाल देखरेख संस्थाओं में निवासरत एवं जिले में देखरेख संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के पुनर्वास हेतु संचालित कार्यक्रमों की मानीटरिंग एवं समीक्षा करती है। समिति की बैठक में बताया गया कि सतना और मैहर जिले में माता-पिता विहीन 409 बच्चों को पालन-पोषण के लिए उनके आश्रय दाता अभिभावक को मासिक मदद की जाती है। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने जिले के अधिकारियों से आगृह किया कि माता-पिता विहीन अथवा आश्रय विहीन कोई बच्चा उनके ध्यान में आये तो महिला बाल विकास या बाल संरक्षण कार्यालय को अवश्य सूचित करें।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी सौरभ सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना के तहत 35 और मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना के तहत 58 बच्चों को लाभ दिया जा रहा है। जिले में स्ट्रीट चिल्ड्रेन सर्वे में 53 बच्चे चिन्हित किये गये हैं। पीएम फेयर फार चिल्ड्रिन योजना में 14 बच्चों को लाभ दिया जा रहा है। जिले में 187 बच्चों को दत्तक गृहण कराया गया है। जिनमें 17 बच्चे विदेशी दम्पत्तियों को दत्तक दिये गये हैं।