मुंबई (वार्ता) देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने ग्रामीण युवा उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए जागृति यात्रा 2024 के साथ भागीदारी की है।
एसबीआई ने रविवार को बयान जारी कर बताया कि इस भागीदारी के तहत वह देश के टियर 2 और टियर तीन क्षेत्रों में 8000 किलोमीटर की 15-दिवसीय उद्यमशीलता यात्रा का समर्थन करेगा। इस भागीदारी के माध्यम से एसबीआई 500 युवा आकांक्षियों को उद्यमशीलता के रास्ते तलाशने, विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्राप्त करने और व्यवहारिक ज्ञान सीखने में संलग्न होने के अवसर बनाने में मदद कर रहा है। युवा उद्यमियों के विकास को बढ़ावा देकर एसबीआई का लक्ष्य 2047 तक ‘विकसित भारत’ के सपने को आगे बढ़ाना है।
एसबीआई देश भर में उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने के निरंतर प्रयास में प्रत्येक भारतीय को प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता के साथ सशक्त बना रहा है। बैंक ने 152 ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किए हैं, जो कौशल विकास और ग्रामीण युवाओं को अपने स्वयं के सूक्ष्म उद्यम लगाने में मदद करने के लिए प्रशिक्षण देने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इन संस्थानों ने 11.5 लाख से अधिक लोगों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया है, जिनमें से 74 प्रतिशत ने स्वरोजगार के अवसर प्राप्त किए हैं।
इसके अलावा 50 हजार करोड़ से अधिक के स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) ऋण पोर्टफोलियो के साथ एसबीआई ने एक करोड़ से अधिक महिला सदस्यों को वित्तीय सहायता प्रदान की है। बैंक ने वित्त वर्ष 24 के दौरान 49 हजार करोड़ से अधिक मुद्रा ऋण और लगभग 1550 करोड़ पीएम एसवीए निधि ऋण वितरित किए हैं, जो पूरे भारत में स्थायी उद्यमिता और आर्थिक सशक्तिकरण को सक्षम करने में इसकी भूमिका को मजबूत करता है।
एसबीआई के प्रबंध निदेशक राणा आशुतोष कुमार सिंह ने कहा, “हम मानते हैं कि उद्यमिता एक आत्मनिर्भर और प्रगतिशील भारत की आधारशिला है। जैसा कि हम 2047 तक विकसित भारत के विजन की दिशा में काम कर रहे हैं, युवा उद्यमियों को कौशल, संसाधन और अवसरों से सशक्त बनाना आवश्यक है, जिनकी उन्हें पूरे देश में नवाचार और विकास को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यकता है। जागृति यात्रा के साथ हमारा जुड़ाव उद्यमियों की एक नई पीढ़ी को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, जो भारत के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। जागृति यात्रा जैसी पहलों का समर्थन करके हमारा लक्ष्य एक संपन्न उद्यमशील पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान देना है, जो सभी के लिए सतत विकास और समृद्धि को बढ़ावा देता है।”