फुटकर में अभी आवक कम, जल्द बढ़ेगा उत्पादन
जबलपुर: ठंड शुरू होते ही शहर की मंडियों में हरा मटर आने लगा है। जिले की सहजपुर मटर मंडी में शुरुआती तौर पर मटर किसानों द्वारा बेचने के लिए लाया जा रहा है। हालांकि अभी कम आवक के कारण मटर को व्यापारियों द्वारा खरीद कर शहर के बाहर ही बेचा जा रहा है। फुटकर में मटर की आवक अभी कम है, इसके चलते शहर की सब्जी मंडी में मटर देखने को नहीं मिल रहा है। शुरुआती तौर पर अभी कम मटर आने के कारण इसका भाव उच्चतम स्तर पर है, जो कि करीब 60 से 80 रुपए किलो बेचा जा रहा है। वहीं जब बड़ी मात्रा में मटर जिले की मंडियों में आने लगेगा तो इसका भाव न्यूनतम रेट 10- 20 प्रति किलो भी सब्जी मंडियों में बिकने लगेगा।
शहपुरा- पाटन में सबसे ज्यादा पैदावार
जिले में मटर की सबसे ज्यादा पैदावार शहपुरा और पाटन तहसील में होती है। यहां के किसानों द्वारा मटर की फसलों को अधिक मात्रा में बोया जाता है। जिससे सबसे पहले मटर की फसल शहपुरा और पाटन क्षेत्र के किसानों द्वारा ही जबलपुर की मंडियों में पहुंचाई जाती है। इसके बाद से शहर में मटर अधिक मात्रा में बिकता है, वही इस बार मटर की खरीदी के लिए कटंगी बाईपास पर मटर मंडी बनाई जा रही है, जहां पर किसानों द्वारा लाए गए मटर को व्यापारियों द्वारा खरीदा जाएगा।
शहर से बाहर भी जाता है मटर
जबलपुर जिले में किसानों द्वारा मटर की फसल जो बोई जाती है, उसका निर्यात शहर के अलावा पूरे मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भी किया जाता है। शहपुरा तहसील के अंतर्गत सहजपुर में जिले की सबसे बड़ी मटर मंडी बनाई गई है। यहां पर जिले के सभी किसान अपना मटर लाकर बेचते हैं। जिसके बाद यह मटर पूरे मध्य प्रदेश और राज्य के बाहर अनेक राज्यों में भी पहुंचाया जाता है। जिससे जिले के किसानों को भी मटर के अच्छे भाव मिल जाते हैं । वहीं सरकारी रेट पर जिले के बाहर मटर को बेचे जाने पर भी अच्छा खासा लाभ प्राप्त होता है।