अपराधियों के बाद ट्रेफिक पर शिकंजा जरूरी

नवभारत न्यूज

खंडवा। यातायात के नियमों की अवहेलना करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। वाहनों का बीमा परमिट फिटनेस व कागजात भी जांचे जा रहे हैं। सडक़ों पर दौड़ रहे क्षमता से अधिक माल ढोने वाले वाहन एवं अधिक संख्या में यात्रियों व ओवरलोड माल का परिवहन करने वालों के चालान बनाए। उन ऑटो चालकों पर भी कार्रवाई की जा रही है, जो तीन से ज्यादा सवारी ढो रहे हैं।

बिल्डिंग या सडक़ का मटेरियर ढोने वाले डंफर व स्कूल बसों पर कार्रवाई नहीं होती हैं। लोडिंग ऑटो पर लोहे के एंगल और लोहे के टीन शेड रखकर दुर्घटना को आमंत्रण दे रहे हैं। बिना पुलिस-चेक नंबर के ऑटो सडक़ों पर दौड़़ रहे हैं। दुर्घटनाओं और जाम की स्थिति से बचने के लिए बाहरी वाहनों का समय निर्धारित किया गया है। फिर भी बाहरी वाहन किसी भी समय शहर की सडक़ों पर देखे जा सकते हैं। प्रशासन ने बाहरी वाहनों को लेकर गाइडलाइन जारी की है।

चुपचाप देख

रही तीसरी आँख

शहर में दोपहर 1 से 4 बजे तक एवं रात 9 बजे से शहर में एंट्री ले सकते हैं। फिर भी यातायात विभाग की मेहरबानी से यह वहां दिनभर शहर में धमाचौकड़ी कर रहे हैं। इन्हें रोकने और टोकने वाला कोई नहीं है। पुलिस विभाग के कैमरे के सामने से गुजरने वाले यह वहान कैसे छूट जाते हैं? शहर में टू व्हीलर वाहन चालक अगर गलती से गलत पार्किंग कर देता है, तो उसका वाहन जप्त कर लिया जाता है। चालान भरने के बाद ही छोड़ा जाता है।

नियम तोड़ रहे

ऑटो चालक

शहर में अधिकांश ऑटो पर पुलिस चेक नंबर अंकित ही नहीं है। छोटे कर्मी इन्हें बगैर साहबों को बताए खुद पैरलर विभाग चलाने की खबर है।

आपको बता दे की चेक नंबर उन ऑटो चालकों को दिया जाता है, जिससे यह पता चल जाता है कि उसके कागज कंप्लीट हंै। यदि कोई चालक यात्री के साथ गड़बड़ करता है या ज्यादा राशी लेता है और शिकायत होती है तो उस पर अंकित छोटा सा नंबर बताते ही उसकी पूरी डिटेड आ जाती है। क्षमता से अधिक सवारी एवं खाकी वर्दी जैसे नियमों का पालन भी नहीं हो रहा है। हालांकि खंडवा जैसे छोटे शहर में अधिकतर आटो वालों ने नोटों से भरे बटुए यात्रियों को लौटाकर ईमानदारी का परिचय दिया है। फिर भी सुरक्षा के हिसाब से यह जरूरी है।

26 के चालान बने

जिले में यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले दो पहिया एवं चार पहिया वाहन चालकों के विरुद्ध बिना हेलमेट, सीट बेल्ट ना लगाने वाले तथा अन्य यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले 26 वाहन चालकों के विरुद्ध एम.व्ही. एक्ट के तहत प्रकरण बने हैं।

 

 

ट्रैक्टर ट्राली पर मेहरबानी

 

कृषि कार्य की ट्रैक्टर ट्रालियों को भी मालवाहक बना दिया गया है। ये ट्रैक्टर ट्राली दिनभर शहर में देखी जा सकती हैं। इन ट्रैक्टर ट्रालियों में सीमेंट से लेकर गिट्टी मुरम व लंबे सरिये तक के ढोए जा रहे हैं। गली मोहल्ले में सीधे घुसने वाली या ट्रैक्टर ट्राली जाम लगा देती हैं। इन पर भी यातायात विभाग सबसे ज्यादा मेहरबान बना हुआ है। ऐसा नहीं है कि यातायात विभाग को मालूम नहीं है।

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