विकलांग दुधमुंही पोती की हत्यारी दादी को उम्रकैद, खिलाने के बहाने कंबल में लपेटकर की थी हत्या

ग्वालियर: देश में कन्या भ्रूण हत्या की बढ़ती प्रवृत्ति एक स्वस्थ्य समाज के लिए घातक है. ऐसे समाज के दुश्मनों के खिलाफ रहम करना कहीं से भी उचित नहीं है. ये टिप्पणी करते हुए ग्वालियर की विशेष न्यायालय ने अपनी ही नवजात पोती की हत्या करने वाली दादी को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए की. साथ ही दोषी पर एक हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया.
विशेष न्यायालय ने आरोपी के खिलाफ मिले सबूतों को सही पाते हुए सुनाया फैसला दरअसल उपनगर ग्वालियर के गोलपाड़ा किला गेट पर रहने वाली महिला प्रेमलता चौहान पर अपनी ही पोती की हत्या का आरोप था.

विशेष न्यायालय ने उसके खिलाफ मिले सबूतों को सही मानते हुए दोषी को उम्रकैद की सजा दी है. दरअसल प्रेमलता की पुत्रवधू को डिलीवरी के लिए इसी साल 23 मार्च को कमला राजा अस्पताल में भर्ती कराया गया था. शाम को उसने एक पुत्री को जन्म दिया. लेकिन नवजात बाएं हाथ से दिव्यांग थी, उसकी कोहनी का निचला हिस्सा गायब था.
दादी प्रेमलता चौहान को यह बात सहन नहीं हुई. अस्पताल में ही दो दिन बाद प्रेमलता ने अपनी दूधमुंही पोती को सुलाने के बहाने उसकी मां से ले लिया और कंबल में लपेटकर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी. उसके गले पर चोट के निशान थे. नवजात की मां ने पूरी बात अपने मायके पक्ष के लोगों को बताई. इसके बाद कंपू पुलिस थाने में प्रेमलता के खिलाफ उसकी ही बहू ने हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था.
सरकारी वकील ने की थी दोषी अधिकतम सजा देने की मांग
फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि समाज के ऐसे दुश्मनों के खिलाफ रहम करना कहीं से भी उचित नहीं है. सरकारी वकील ने भी दोषी प्रेमलता चौहान को अधिकतम सजा देने की मांग की थी. इस पर विशेष न्यायालय ने दूधमुंही पोती की हत्या के दोषी को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है. गिरफ्तारी के बाद से ही आरोपी जेल में है.

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