नयी दिल्ली, 07 नवंबर (वार्ता) पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने देश की युवतियों को खुद की कद्र करने और वित्तीय रूप से आत्म निर्भर बनने का आह्वान करते हुए गुरुवार को कहा कि हर महिला में आगे बढ़ने की शक्ति होती है और उसे इस शक्ति को पहचानना चाहिए।
श्रीमती ईरानी यहां महिलाओं के वैश्विक नेटवर्क यूयूक्के द्वारा अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में ‘बियोंड बैरियर्स (बाधाओं से पार) 2024’ सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रही थी। इस अवसर पर उन्होंने कहा, ‘हमें युवतियों को अपनी कद्र करना, अपनी स्वतंत्रता और भलाई पर ध्यान देने की शिक्षा देनी होगी — जिसमें न केवल अपने लिए, बल्कि उन्हें दूसरों के लिए मजबूत बनने की शिक्षा भी शामिल है।” उन्होंने कहा, “ वित्तीय स्वतंत्रता और व्यक्तिगत स्वास्थ्य को स्वार्थी नहीं बल्कि महिलाओं के लिए अधिक स्थिरता और सुरक्षा के तरीकों के रूप में देखा जाना चाहिए।”
इस वर्ष के आयोजन का थीम ‘महिलाओं में निवेश, एक सतत भविष्य के लिए’ है, जिसमें वैश्विक नेता, दूरदर्शी और परिवर्तनकर्मी महत्वपूर्ण विषयों पर जैसे कि प्रौद्योगिकी में लिंग समानता, उद्यमिता में नेतृत्व, स्थिर वाणिज्य, और सामाजिक प्रभाव पर चर्चा करने के लिए एकत्र हुए हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, “व्यवसाय में महिलाएं एक अनोखा दृष्टिकोण लेकर आती हैं, जो सभी के लिए अच्छा है। जब महिलाएं नेतृत्व करती हैं, तो वे स्थिरता, शिक्षा और सामुदायिक स्वास्थ्य जैसी चीजों को प्राथमिकता देती हैं।” उन्होंने कारोबार में महिलाओं को सहयोग और प्रोत्साहन दिए जाने पर बल देते हुए कहा कि जब महिलाएं सफल होती हैं तो वे परिवर्तन का शक्तिशाली एजेंट बनती हैं।
इस कार्यक्रम में उद्यमिता में नेतृत्व, स्थिर वाणिज्य और महिला नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स को बढ़ाने की चुनौतियों पर पैनल चर्चाएं आयोजित की गईं।
यूयूक्के की संस्थापक डॉ. सेंथामराई गोकुलाकृष्णन ने कहा, “उनकी प्रतिभा और रचनात्मकता के बावजूद, महिला उद्यमियों को प्रमुख चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जैसे कि धन और समर्थन की कमी, वैश्विक स्तर पर एक अरब से अधिक महिलाओं को वित्तीय सेवाओं तक पहुंच नहीं है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को सही संसाधनों, वित्तीय समर्थन और मार्गदर्शन प्रदान करके हम 2025 तक दस लाख महिला उद्यमियों को सशक्त बना सकते हैं ।”
फेडरल बैंक की कार्यकारी निदेशक शालिनी वारियर ने वित्तीय चुनौतियों के बारे में बात करते हुए कहा, “महिला उद्यमियों को अपने व्यवसायों को शुरू करने और बढ़ाने के लिए आवश्यक पूंजी जुटाने में अक्सर कठिनाई होती है।”