तालिबान नेतृत्व के साथ हुई भारतीय अधिकारियों की बैठक

नयी दिल्ली 07 नवंबर (वार्ता) भारत ने पश्चिमी एशिया में इज़रायल एवं ईरान के बीच युद्ध की मंडराते बादलों के बीच अफगानिस्तान में तालिबान के साथ व्यापारिक लेन देन और युद्ध के बीच चाबहार बंदरगाह के उपयोग को लेकर महत्वपूर्ण विचार मंथन किया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने आज यहां नियमित ब्रीफिंग में चाबहार बंदरगाह परियोजना और अफगानिस्तान में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के दौरे के बारे में पूछे जाने पर कहा, “विदेश मंत्रालय में पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान, ईरान के प्रभारी संयुक्त सचिव जेपी सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने 4 और 5 नवंबर को काबुल का दौरा किया। यात्रा के दौरान, उन्होंने अफ़गानिस्तान के कई मंत्रियों के साथ कई बैठकें कीं, जिनमें कार्यवाहक रक्षा मंत्री भी शामिल थे। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई से भी मुलाक़ात की। उन्होंने वहाँ संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के प्रमुख और कई अन्य वरिष्ठ मंत्रियों से भी मुलाक़ात की।”

श्री जायसवाल ने कहा, “प्रतिनिधिमंडल ने भारत की मानवीय सहायता पर चर्चा की, साथ ही इस बात पर भी चर्चा की कि कैसे चाबहार बंदरगाह का उपयोग अफ़गानिस्तान में व्यापारिक समुदाय द्वारा लेन-देन और आयात-निर्यात और किसी अन्य चीज़ के लिए किया जा सकता है जो वे करना चाहते हैं। मैं यहाँ यह भी याद दिलाना चाहता हूँ कि अफ़गानिस्तान को मानवीय सहायता प्रदान करना हमारे सहायता कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और अब तक पिछले कुछ महीनों और कुछ वर्षों में, हमने मानवीय सहायता के कई शिपमेंट भेजे हैं जिनमें 50 हजार टन गेहूं, 40 हजार टन कीटनाशक, 30 टन दवाएं और 20 टन भूकंपरोधी सामग्री शामिल है।”

उन्होंने कहा कि अफ़गानिस्तान के लोगों के साथ भारत के लंबे समय से संबंध हैं, और ये संबंध देश के प्रति हमारे दृष्टिकोण का मार्गदर्शन करते रहेंगे।

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