नयी दिल्ली, 02 नवंबर (वार्ता) देश में कोयले का उत्पादन करने वाली सबसे बड़ी कंपनी सरकारी क्षेत्र की कोल इंडिया लि. (सीआईएल) ने अपने 50 स्वर्णिम वर्ष पूरे कर लिए हैं और तीन नवंबर (रविवार) को कोलकाता में इस उपलक्ष्य में समारोह आयोजित कर रही है।
कंपनी की एक इस समारोह में कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी मुख्य अतिथि और कोयला सचिव विक्रम देवदत्त अतिथि होंगे।
सीआईएल की एक नवंबर 1975 को स्थापना की गई थी। यह कोकिंग कोयला खदानों के राष्ट्रीयकरण (1971) और गैर-कोकिंग खदानों के राष्ट्रीयकरण (1973) के बाद स्थापित की गयी शीर्षस्थ कंपनी है। आज इसका बीएसई और एनएसई शेयर बाजार में सूचीबद्ध है।
कंपनी के 63 प्रतिशत से कुछ अधित शेयर प्रवर्तकों, 12.04 प्रतिशत घरेलू संस्थानों, 10.54 प्रतिशत म्यूचुअल फंडों, 9.16 प्रतिशत विदेशी संस्थानों और 5.13 प्रतिशत खुदरा और अन्य निवेशकों के पास हैं।
सीआईएल का अपने स्थापना वर्ष 1975-76 में कोयला उत्पादन 8.9 करोड़ टन था। इस महारत्न कंपनी ने वित्त वर्ष 2023- 24 में 77.4 करोड़ टन उत्पादन किया था। कंपनी अपने 80 प्रतिशत कोयले की आपूर्ति कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को अत्यधिक प्रतिस्पर्धी दरों पर करती है। इस प्रकार कंपनी नागरिकों को उचित मूल्य पर बिजली प्राप्त करने में अपना योगदान देती है।
सीआईएल के कर्मचारियों की संख्या राष्ट्रीयकरण के प्रारंभिक वर्षों में 6.75 लाख थी । आज इसमें 2.25 लाख (एक तिहाई) कर्मचारी काम करते हैं पर आधुनिक प्रौद्योगिकी से उत्पादन में 8.7गुणा की वृद्धि हुई है।
केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री ने कोल इंडिया को बधाई देते हुए कहा, “कोल इंडिया अपनी अनेक उपलब्धियों के साथ अपने स्वर्ण जयंती वर्ष में प्रवेश कर रही है। मैं कंपनी को अपनी शुभकामनाएं देता हूं। भारत में कोयले का उत्पादन अभी अपनी पूरी क्षमता तक नहीं पहुंचा है।महंगे आयात से बचने के लिए स्वदेशी उत्पादन बहुत जरूरी है। कोल इंडिया को लोगों के प्रति सामाजिक जिम्मेदारी, कल्याण और सुरक्षा को समान महत्व देते हुए भविष्य में उत्पादन को उच्च स्तर तक बढ़ाना होगा।“
सीआईएल के लिए यह लगभग पांच दशक की यात्रा बहुत ही उपलब्धियों भरी रही है। कंपनी ने कई बदलावों और चुनौतियों, परीक्षणों और समस्याओं का सामना किया लेकिन वह सब करने में सफल रही जिसकी उससे अपेक्षा की गई थी। एक विशुद्ध कोयला उत्पादक कंपनी से, कोल इंडिया अब राष्ट्रीय हित में सौर ऊर्जा, खदान बिजलीघरों, कोयला गैसीकरण और महत्वपूर्ण खनिजों के उत्खन्न में विविधता ला रही है।