नवभारत न्यूज,
नेपानगर। स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर हो इसलिए केंद्र और राज्य सरकारें करोड़ों रूपए खर्च करती हैए लेकिन यह सुविधाएं आमजन तक पहुंच रही है या नहीं यह देखने वाला कोई नहीं है। कईं जगह भवन बनकर तैयार हैंए लेकिन उसे चालू नहीं किया जा रहा। न ही वहां अब तक स्टाफ की कोई व्यवस्था है।
ऐसा ही एक मामला नगर के वार्ड नंबर 8 का सामने आया है। यहां काफी समय से मुख्यमंत्री संजीवनी क्लिनिक बनकर तैयार हैए लेकिन यह अब तक चालू नहीं की गई है। यह इन दिनों आसामाजिक तत्वों का अड्डा बना हुआ है। रात के समय यहां आसामाजिक तत्व जमा होते हैं। नए भवन की खिड़कियां भी तोड़ी जा रही हैए लेकिन इस ओर नगर पालिका अफसर,कर्मचारियों का ध्यान नहीं है। स्वास्थ्य विभाग का भी इस ओर ध्यान नहीं है।
दरअसल इस भवन का निर्माण नगर पालिका द्वारा करीब 22 लाख की लागत से किया गया हैए लेकिन काफी समय बाद भी इसे चालू नहीं किया गया है। इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो धीरे धीरे यह भवन खराब होकर अनुपयोगी हो जाएगा। बताया जा रहा है कि यह भवन नगर पालिका ने स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर कर दिया हैए लेकिन इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग इसे लेकर गंभीर नहीं है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी न स्टाफ न संसाधन:-करीब एक साल पहले पुराने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को नए भवन में शिफ्ट किया गया हैएलेकिन यहां न तो संसाधन है न ही सुविधाएं। स्टाफ की भी काफी कमी है। लंबे समय से स्वास्थ्य अफसर कह रहे हैं कि आने वाले समय में स्टाफ की पूर्ति की जाएगीए लेकिन ऐसा नहीं होता। सालों से यहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी है। नाक, कान, गला रोग, हड्डी रोग, स्त्री सहित अन्य कईं बीमारियों के एक्पर्ट डॉक्टर यहां हैं ही नहीं। एक तरह से यह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रैफर सेंटर ही है। पहले भी यहां वही स्थिति थी जो अब नए भवन में है। दो माह पहले एक महिला मरीज को स्टाफ की कमी के चलते परेशान होना पड़ा था। महिला ने खुद बॉटल से सिरींज निकाली थी।
एक लाख से अधिक आबादी है निर्भर:-सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर करीब एक लाख से अधिक आबादी निर्भर हैए लेकिन आज तक यहां स्टाफ की कमी दूर नहीं की गई। इसके कारण ग्रामीणों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।