नयी दिल्ली 25 अक्टूबर (वार्ता) रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव डॉ. समीर वी कामत ने शुक्रवार को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के निदेशकों के दो दिन के वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन किया।
सम्मेलन का आयोजन पुणे स्थित आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एआरडीई) में किया गया है। डॉक्टर कामत ने बदलते वैश्विक परिदृश्य में प्रौद्योगिकी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सरकार के आत्मनिर्भर और विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए एक संगठन के रूप में डीआरडीओ में सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन की आवश्यकता पर जोर दिया।
दक्षिणी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ ने भविष्य के संघर्षों के लिए अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों के उपयोग और आत्मनिर्भर रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में डीआरडीओ की भूमिका का उल्लेख किया। सम्मेलन के दौरान ‘पुनर्निर्धारित रक्षा अनुसंधान एवं विकास के लिए डीआरडीओ में बदलाव’ विषय के अनुरूप विभिन्न सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य प्रतिभागियों को डीआरडीओ को अधिक कुशल संगठन बनाने की दिशा में लागू किए गए या कार्यान्वयन के तहत डीआरडीओ सुधारों की श्रृंखला के बारे में सूचित करना है। इस कार्यक्रम में देश को रक्षा प्रौद्योगिकी में अग्रणी राष्ट्र बनाने की दिशा में उद्योग और शिक्षा जगत को व्यापक रूप से शामिल करके एक मजबूत अनुसंधान एवं विकास पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने पर विचार-विमर्श किया गया। शिक्षा और उद्योग की भागीदारी के माध्यम से रक्षा अनुसंधान एवं विकास में क्षमता वृद्धि के लिए विभिन्न विचार-मंथन सत्र और पूर्ण वार्ता आयोजित की जा रही है।