महाकाल के सामने गिरी दीवार का काल भैरव मंदिर तक ख़ौफ़

मंदिर परिसर के अन्य देवालय शिवालयों को किया बंद
श्रद्धालुओं के आने जाने पर लगाई रोक
मंदिर के जिम्मेदारों ने स्मार्ट सिटी और पुरातत्व विभाग को लिखा पत्र

उज्जैन: विश्व प्रसिद्ध काल भैरव मंदिर पर देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु भगवान के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं ,और बाबा को मदिरा का भोग भी लगाते हैं. वहीं पर आधा दर्जन दूसरे देवालय शिवालय भी है, जिनके दर्शन पूजन किए जाने का महत्व है. काल भैरव मंदिर को छोड़कर बाकी सब दूसरे मंदिर बंद कर दिए गए.नवभारत ने जब इस संबंध में काल भैरव मंदिर परिसर के अन्य मंदिरों के बंद होने की जानकारी निकाली तो पता चला कि विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर के ठीक सामने एक दीवार बारिश के दौरान ढह गई थी, जिसमें दो लोग दब गए थे जिससे उनकी मौत हो गई दो अन्य घायल हुए थे.

यहां की दीवार को बताया गिराऊ
महाकाल मंदिर के बाहर जब दीवार गिरी तो उसके बाद उज्जैन के सभी प्रसिद्ध मंदिरों में सुरक्षा के मद्देनजर कदम उठाए गए हैं, नवभारत को मिली जानकारी के अनुसार काल भैरव मंदिर पर भी एक दीवार है जो बहुत प्राचीन है. देश विदेश से जो श्रद्धालु काल भैरव मंदिर पर पहुंचते हैं वह मंदिर परिसर के सभी मंदिरों में पूजन अर्चन करते हैं ऐसे में जिला प्रशासन को आशंका थी ये पुरानी दीवार गिर सकती है जिससे हादसा हो सकता है. ऐसे में काल भैरव मंदिर को छोड़कर बाकी सब मंदिर बंद कर दिए गए हैं।.

श्रद्धालु और पुजारी आहत
काल भैरव मंदिर पर दर्शन करने वाले श्रद्धालु अन्य देवालय शिवालय नहीं पहुंच पा रहे हैं. श्रद्धालुओं और पुजारी के आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. बैरिकेट्स लगाकर रास्ते रोक दिए गए हैं, ऐसे में श्रद्धालु और पुजारी दोनों मायूस है और मंदिर नहीं खुल पाने से आहत भी है.

इन मंदिरों का रास्ता बन्द
जानकारी के अनुसार काल भैरव मंदिर परिसर में दत्तात्रेय मंदिर, भैरवी पाताल, भैरवी दीप मलिका, शिव मंदिर सहित दो अन्य मंदिर भी हैं. यहां पर बस श्रद्धालु भगवान काल भैरव के दर्शन कर पा रहे हैं बाकी मंदिरों में नहीं पहुंच पा रहे हैं ऐसे में पुजारी और श्रद्धालुओं नहीं जब काल भैरव मंदिर प्रबंध समिति अथवा जिला प्रशासन से चर्चा करना चाहे तो किसी ने उचित कारण नहीं बताया.

हमने स्मार्ट सिटी और पुरातत्व को पत्र लिखा
नवभारत ने इस संबंध में काल भैरव मंदिर की प्रबंधक संजना मार्कण्डेय से जब चर्चा की तो उन्होंने बताया कि जिस दिन महाकाल मंदिर के सामने की दीवार गिरी उस दिन हम रात भर सो नहीं पाए. बहुत बारिश हुई थी. काल भैरव मंदिर के यहां पर यज्ञशाला है उसके सामने की दीवार जर्जर हो चुकी है, तब से ही हमने स्मार्ट सिटी और पुरातत्व विभाग को पत्र दे दिया है, लगातार मीटिंग में भी यह मुद्दा रख रहे हैं, भगवान न करें यदि दीवार गिर गई तो श्रद्धालु और पुजारी उसमें दब सकते हैं, इसलिए हमने जानबूझकर रास्ते बंद नहीं किए हैं. हादसे की आशंका की वजह से अभी रोक लगाई है. फिर भी पुजारी गण तो पूजा कर रहे हैं. श्रद्धालुओं के आने जाने पर रोक है. दत्तात्रेय मंदिर यज्ञशाला और दूसरे मंदिरों में यदि आने जाने के दौरान दीवार गिर गई तो उसका जिम्मेदार कौन होगा.

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