भोपाल, 24 अक्टूबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जन-मन) योजना के जरिये प्रदेश में निवासरत् बैगा, भारिया एवं सहरिया विशेष रूप से पिछड़ी जनजातियों (पीवीटीजी) को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के महती प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य सरकार ने ऐसे 5,481 गांव चिन्हित किये हैं, जहाँ पीवीटीजी आबादी बहुतायत में निवास करती है। इन गांवों में केन्द्र एवं राज्य सरकार के 9 मंत्रालय/विभाग, अपनी 11 प्रकार की नागरिक सुविधाओं की आपूर्ति को सहज और सुगम तरीके से उपलब्ध कराकर इनका कायाकल्प कर रहे हैं।
डॉ. यादव ने बताया कि अभियान के अंतर्गत प्रदेश के विशेष पिछड़ी जनजाति बाहुल्य जिलों में कुल 7 हजार 300 करोड़ रुपए की लागत से नये स्वास्थ्य केन्द्रों, छात्रावासों, बहुउद्देशीय केंद्रों, सड़कों, पुलों और आवासों सहित अन्य प्रकार के निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं। इससे प्रदेश के 24 जिलों में निवास करने वाले बैगा, भारिया एवं सहरिया विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के 11 लाख 35 हजार से अधिक भाई-बहन लाभान्वित होंगे। उन्होंने बताया कि इन जनजातियों की बसाहट वाले जिलों में “सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0” योजना के अंतर्गत नवीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्थापना कर इनका सुचारू रूप से संचालन किया जा रहा है। विशेष पिछड़ी जनजाति क्षेत्रों के ऐसे मजरे टोले, जिनकी जनसंख्या 100 या अधिक है और जहां आंगनवाड़ी केन्द्र नहीं है, वहां भी नए केन्द्र खोले जा रहे हैं। अभियान के तहत सभी पात्र पीवीटीजी परिवारों को पक्का घर देकर इनकी आबादी बहुल गांव तक पहुंच मार्गों का निर्माण सहित नये वन-धन विकास केन्द्र आदि नव निर्माण कर इन जनजातियों के कौशल प्रशिक्षण के भी विशेष प्रयास किये जा रहे है।
इसी प्रकार धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के जरिये केन्द्र और राज्य सरकार ने पीवीटीज के अलावा अन्य सभी जनजातियों के समग्र विकास का खाका तैयार कर लिया है। सरकार ने इस अभियान में 11 हजार 377 जनजातीय बहुल गांवों को विकास की धारा से जोड़ने की योजना बनाई है। इन गांवों में केन्द्र व राज्य सरकार के 18 मंत्रालय/विभाग 25 प्रकार की जन-सुविधाओं की सहज आपूर्ति करेंगे। इस अभियान में प्रदेश की पूरी जनजातीय आबादी को स्कीम कवर में ले लिया गया है। केन्द्र सरकार के संबंधित मंत्रालय/विभाग अपनी विभागीय सेवाओं/सुविधाओं से जनजातीय समुदाय को जोड़ने और उनके विकास की दिशा में अतिरिक्त सक्रियता से कार्य करेंगे।
इस अभियान में ग्रामीण विकास, जलशक्ति, विद्युत, नवीन और नवकरणीय ऊर्जा, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, महिला और बाल विकास, शिक्षा, आयुष, कौशल विकास और उद्यमिता, इलेक्ट्रानिक्स विकास और सूचना प्रौद्योगिकी, कृषि और किसान कल्याण, पंचायती राज, पर्यटन तथा जनजातीय कार्य मंत्रालय सहित दूरसंचार, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी विभाग को अपनी विभागीय सेवायें देने शामिल किया गया है।