सीताफल की बहार थोक व्यापारी नहीं मिलते खेरची में बेचना मजबूरी 

नवभारत

बागली। वर्तमान समय में बागली सहित पूंजा पूरा उदय नगर राता तलाई, पीपरी,पोला खाल सहित अधिकतर छोटे-छोटे गांव में बड़ी मात्रा सीताफल के पौधे लगे हुए हैं । 20 वर्ष पूर्व खेत की सुरक्षा के लिए पंचायतो द्वारा निशुल्क पौधे वितरित किए थे जो अब पेड़ बन चुके हैं और फल भी देने लगे हैं। 15 से 20 दिन चलने वाली की बहार एकदम आती है। इसलिए इसे फल व्यापारी नहीं खरीदते हैं। किसानों को स्वयं इस फसल को बेचना होता है हालांकि सीताफल लगाने वाले अधिकतर आदिवासी और वन आंचल से जुड़े परिवार रहते हैं वह बागली हाटपिपलिया एवं उदय नगर है बाजार में पके हुए सीताफल लाकर बेचते हैं 50 से 60 रुपए किलो तक बेहतर सीताफल बाजार में बिकने से छोटे किसानों को दीपावली मनाने के लिए नगद राशि मिल रही है। इस फल को अधिक समय तक रख नहीं सकते और ना ही कच्चे खा सकते हैं। फिर भी यह फल गरीब किसानों के लिए दीपावली के तोहफे से काम नहीं है।

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