खंडवा: देश के ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर के महान गायक किशोर दा है, जिनकी याद में किशोर एवं संगीत प्रेमियों की मांग पर उनकी जन्मस्थली पर जहां उनका अंतिम संस्कार हुआ मध्य प्रदेश सरकार द्वारा भव्य समाधि का निर्माण किया गया। किशोर दा के प्रति उनके प्रशंसकों की दीवानगी किशोर दा के जन्म जन्म जयंती 4 अगस्त और 13 अक्टूबर उनकी पुण्यतिथि पर देखी जा सकती है।
प्रवक्ता सुनील जैन ने बताया कि प्रतिवर्ष किशोर दा की पुण्यतिथि के अवसर पर पूरे देश भर के किशोर प्रेमी खंडवा आकर किशोर दा की समाधि स्थल पर दूध जलेबी का भोग लगाकर पूजा कर गीतों के माध्यम से नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, किशोर दा के प्रति समाधि स्थल पर एक और दीवानगी आज देखी गई मुंबई में बीएसएनल की सर्विस के बाद अधिवक्ता के रूप में कार्य करने वाली 60 वर्षीय ज्योति सनावड़ेकर अपने पति दिवाकर एवं पुत्र पुत्र सागर के साथ बिना ताम झाम के खंडवा समाधि स्थल पर पहुंची। तीनों ने दादा को नमन किया और ज्योति दीदी ने जिंदगी का सफर,आंचल के तुझे में लेके चलूं, तुम बिन जाऊं कहां, शानदार गीतों की प्रस्तुति सुरमई श्रद्धांजलि कार्यक्रम में प्रस्तुत की।
ज्योति के पति भी रिदम बजाते हैं वह भी एक बड़ी कंपनी में कार्य करते हुए रिटायर हुए हैं, पूरे परिवार के लिए किशोर दा प्रेरणा स्रोत रहे हैं किशोर दा को चाहते हैं,उनकी पुण्यतिथि पर वे खंडवा पहुंचे। ज्योति दीदी ने कहा कि एक तरह से किशोर दा मेरे लिए भगवान है किशोर दा के गीतों को गाकर यह मैं महसूस करती हूं करती हूं कि स्वयं किशोर दा मेरे शरीर में विराजमान होकर गा रहे हैं, इतनी उम्र के बाद भी मैं कई प्रोग्राम में किशोर दा के गीत गा रही हूं, आज खंडवा आकर मुझे काफी राहत मिली समाधि पर ऐसा लगा कि मैं किशोर दा से ही मिल रही हूं।