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ओंकारेश्वर। जलाशय पर 88 मेगावाट ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट (यूनिट-’डी’) को एनएचडीसी के प्रबंध निदेशक, राजीव जैन ने चालू कर दिया है।
एनएचडीसी ने 22 जून 2024 को 88 मेगावाट एफएसपीवी की आंशिक यानी 50त्न क्षमता पहले ही चालू कर दी थी। ऊर्जा की दर 3.22 रुपए प्रति यूनिट है। पूरी ऊर्जा की खरीद के लिए एमपीपीएमसीएल के साथ समझौता किया गया है। यह एफएसपीवी एनएचडीसी के ओंकारेश्वर पावर स्टेशन (520 मेगावाट) के जलाशय पर लागू किए जा रहे दुनिया के सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट का हिस्सा है।
सौर पैनल द्वारा उत्पादित विद्युत को 33्य1 में परिवर्तित कर 4.5 किमी ट्रांसमिशन लाईन के द्वारा 33्य1/220्य1 सबस्टेशन सक्तापुर तक पहुँचाया गया है, जोकि मध्य प्रदेश ट्रांसमिशन कंपनी के ग्रिड से जोड़ा गया है।
उक्त सोलर प्लांट के नियंत्रण के लिए सक्तापुर के निकट कन्ट्रोल रूम की स्थापना की गयी है।
इस सोलर प्लांट से एक वर्ष में 204.58रू किया जाएगा । इस परियोजना के लिए ओंकारेश्वर पावर स्टेशन बाँध के बैक वाटर में 207.4 हेक्टेयर क्षेत्र का उपयोग गया है।
पर्यावरण के दृष्टिकोण से सबसे स्पष्ट लाभ संबंधित निकासी व्यवस्था के लिए न्यूनतम भूमि की आवश्यकता होती है। इसके अलावा तैरते सौर पैनलों की उपस्थिति से जल निकायों से वाष्पीकरण दर कम हो जाती है। जिससे जल संरक्षण में मदद मिलती है। प्रति वर्ष लगभग 32.5 लाख घन मीटर जल वाष्पीकरण से बचा जा सकता है। सौर मॉड्यूल के नीचे जल निकाय उनके परिवेश के तापमान को बनाए रखने में मदद करता है, जिससे उनकी दक्षता और उत्पादन में सुधार होता है।
प्लांट को एनएचडीसी के प्रबंध निदेशक,राजीव जैन एवं धीरेन्द्र कुमार द्विवेदी, परियोजना प्रमुख, ओंकारेश्वर पावर स्टेशन की मौजूदगी में चालू किया गया।
उन्होंने ओंकारेश्वर पावर स्टेशन की सोलर टीम द्वारा किए गए जबरदस्त काम की प्रशंसा की और परियोजना को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया।